रेवाड़ी : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने मांगों को लेकर शिक्षा विभाग हरियाणा को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि विभाग द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के नाम पर शिक्षा को प्रयोगशाला बना दिया गया है। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि बिना वार्षिक कैलेंडर में सूचना दिए ही कक्षा पहली से 8वीं तक के प्रथम द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा बाल मनोविज्ञान के खिलाफ है। साथ ही उन्होंने कहा कि 8वीं तक के विद्यार्थियों की परीक्षा स्कूल के शिक्षकों द्वारा ही ली जाए। यदि दूसरे शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी पर लगाया जाता है तो नियमानुसार टीए, डीए दिए जाए, मूल्यांकन कार्य के लिए मानदेय दिया जाए, बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाए जाएं ताकि शिक्षक बार-बार कलेक्शन सेंटरों के चक्कर लगाएं। साथ ही रिकॉर्ड ऑनलाइन करने के लिए विभाग बजट जारी करे।
जिला प्रधान महाबीर सिंह के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने एकसुर में कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे इसके लिए कड़े कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे तथा प्रदेशभर के शिक्षक इसके विरोध में उतर आएंगे। db
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