** परेशानी : परीक्षा से ऐन पहले नए नियम से शिक्षक और विद्यार्थी हैरान
** अब दोनों सेमेस्टरों की किताबें पढ़नी पड़ेंगी विद्यार्थियों को
परीक्षा को लेकर मिडिल स्कूलों के विद्यार्थियों की तैयारियों पर शिक्षा निदेशालय के नए नियम ने एक झटके में पानी फेर दिया। नियम के मुताबिक, विद्यार्थियों को इस बार पूरे सिलेबस की परीक्षा देनी होगी। अब यह समझ से परे है कि आधे सिलेबस की तैयारियों में विद्यार्थी पूरे सिलेबस की परीक्षा कैसे देंगे।
शिक्षा विभाग ने कक्षा 6 से 12वीं तक के सिलेबस को दो भागों में बांटा हुआ है। प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा सितंबर माह में कराई जाती है, जबकि द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा मार्च माह में होती है। दोनों सेमेस्टर की कुछ किताबें भी अलग-अलग होती है। द्वितीय सेमेस्टर में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा से कोई प्रश्न नहीं पूछा जाता, लेकिन इस बार कक्षा 6 से 8वीं तक की परीक्षाओं को लेकर शिक्षा निदेशालय ने नया नियम लागू किया है।
शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में इस बार पूरे सिलेबस यानि दोनों सेमेस्टरों से प्रश्न पूछे जाएंगे। अब सवाल यह है कि विद्यार्थियों ने द्वितीय सेमेस्टर की तैयारी की है तो वह पहले सेमेस्टर में पूछे जाने वाले प्रश्नों के जवाब कैसे दे पाएंगे। खैर शिक्षा विभाग का यह नया नियम किसी के गले नहीं उतर रहा।
20 मार्च से शुरू होगी परीक्षा
6 से 8वीं तक की परीक्षा 20 मार्च से शुरू होने जा रही है। ऐसे में परीक्षा से कुछ दिन पूर्व किए गए इस बदलाव से विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक भी असमंजस में है। परीक्षा के नजदीक इस बदलाव का कारण कोई नहीं समझ पा रहा।
प्रथम सेमेस्टर की किताबें मिलना भी मुश्किल
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला प्रधान जयवीर सिंह का कहना है कि कोई भी नया नियम सत्र के शुरूआत में लागू होना चाहिए। परीक्षा से पूर्व शिक्षा निदेशालय का यह फैसला सरासर गलत है। प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा हुए कई माह बीत चुके हैं। फिलहाल प्रथम सेमेस्टर की किताबें मिलना भी मुश्किल है। ऐसे में विद्यार्थी बिना तैयारियों के किस तरह परीक्षा देंगे। स्कूलों के परीक्षा परिणाम पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि बिना तैयारियों के कराई जा रही परीक्षा से परिणाम प्रभावित जरूर होगा।
निदेशालय के निर्देशों पर हो रही है परीक्षा
"शिक्षा निदेशालय के निर्देशों पर पूरे सिलेबस की परीक्षा होगी। शिक्षा विभाग ने इसके लिए पेपर भी तैयार करा लिए हैं। स्थानीय स्तर पर कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।"-- बलजीतसिंह सहरावत, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी हिसार dbhsr
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