** शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को 18 मार्च को पेश होने के आदेश
चंडीगढ़ : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवारत गेस्ट टीचर्स को न हटाने पर राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सोमवार को हाईकोर्ट ने हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सचिव टीसी गुप्ता द्वारा दिए गए जवाब पर अंसतोष जताते हुए 18 मार्च को उनको कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया।
सोमवार को इस मामले में एडवोकेट जगबीर मलिक ने एक प्रतिवादी की तरफ से पार्टी बनते हुए हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा गेस्ट टीचर को हटाने के आदेश की सभी कापी रिकार्ड में रखी। बेंच ने सरकारी पक्ष को फटकार लगाते हुए कहा कि अभी तक नियमित टीचरों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई और गेस्ट हटाए क्यों नहीं गए? कोर्ट के इस सवाल पर सरकारी वकील ने बेंच को बताया कि करीब 9000 जेबीटी टीचरों की जांच चल रही है उनकी तकनीकी जांच के बाद उनको नियुक्ति देकर गेस्ट को हटाया जा सकता है। इस पर एक प्राइवेट पक्ष ने बेंच को बताया कि इन टीचर से पहले सरकार करीब 14000 पीजीटी टीचरों की नियुक्ति कर चुकी है लेकिन गेस्ट टीचरों को नहीं हटाया गया। बेंच ने सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि गेस्ट टीचरों को क्यों नहीं हटाया जा रहा, चयनित 9000 जेबीटी टीचरों की जल्दी जांच कर इनको नियुक्ति देकर गेस्ट को क्यों नहीं हटाया जा रहा। सुनवाई के दौरान बेंच को बताया गया कि सरकार खुद हाईकोर्ट में स्वीकार कर चुकी है कि मास्टर तय संख्या से ज्यादा काम कर रहे है लेकिन सरकार गेस्ट को फिर भी हटा नहीं रही।
बेंच ने कहा कि चयनित जेबीटी टीचर की तकनीकी जांच में सरकार कितना समय खराब कर चुकी है। इनकी जांच कर नियुक्ति देकर गेस्ट को क्यों नहीं हटा रही। बेंच ने कड़ा रुख अपनाते हुए सरकार द्वारा पेश किए गए जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए टीसी गुप्ता को कोर्ट में पेश होकर नियमित टीचरों की नियुक्ति और गेस्ट को हटाने पर स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश दिया हैं। बेंच ने सवाल किया कि सरकार ने कोर्ट में कहा था कि 322 दिन के भीतर नियमित भर्ती कर सभी गेस्ट को हटा दिया जाएगा। लेकिन 500 दिन से ज्यादा समय होने पर आज तक सरकार ने इनको हटाया क्यों नहीं। dj
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