** नकल रोकने के लिए जारी वाट्स एप नंबर पर फोटो मिलते ही टीम मौके पर जाकर सेंटर रद्द करेगी और वह केंद्र तीन साल रद्द रहेगा
भिवानी : प्रदेश में क्षेत्रफल की दृष्टि से भिवानी जिला सबसे बड़ा है ही, नकल के मामले में भी सबसे आगे है। यही कारण है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की अतिसंवेदनशील संवेदनशील की लिस्ट में हमारे जिले के 51 परीक्षा केंद्र है। इनमें अगर सबसे ज्यादा अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों की बात करें तो दादरी, तोशाम जमालपुर में सबसे ज्यादा है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने नकल रहित परीक्षाएं संपन्न करवाने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए इस बार होने जा रही 10वीं 12वीं कक्षा की परीक्षाओं में कई कड़े निर्णय लिए है। बोर्ड द्वारा लिए गए फैसलों से लग रहा है कि प्रदेश में परीक्षाओं के दौरान कोई परिंदा भी परीक्षा केंद्र पर पर नहीं मार सकेगा। शिक्षा बोर्ड ने इस बार नकल रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अब देखने वाली बात होगी कि यह कदम कितने कारगर साबित होंगे। शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित किए गए अतिसंवेदनशील संवेदनशील केंद्रों में शहर के एक भी परीक्षा केंद्र का नाम नहीं है।
भिवानी के अंदर आने वाले परीक्षा केंद्रों में तीन सेंटर अतिसंवेदनशील 12 परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। इसी प्रकार दादरी बाढड़ा के तहत बनाए गए परीक्षा केंद्रों में पांच केंद्रों को अतिसंवेदनशील 14 को संवेदनशील घोषित किया गया है। लोहारू के अंदर बनाए गए परीक्षा केंद्रों में एक केंद्र को अतिसंवेदनशील आठ को संवेदनशील घोषित किया गया है। तोशाम के अंदर बनाए गए परीक्षा केंद्रों में दो केंद्रों को अतिसंवेदनशील घोषित सिवानी में दो परीक्षा केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है। बोर्ड सचिव पंकज ने बताया कि परीक्षाओं में नकल अन्य अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए 241 उड़नदस्ते परीक्षा केन्द्रों पर छापे मारेंगे। इनमें बोर्ड अध्यक्ष का एक, सचिव के पांच, संयुक्त सचिव का एक, उप-सचिव के तीन, 21 उड़नदस्ते डीसी के, एसडीएम के 59 जिला शिक्षा अधिकारी के 59 उड़नदस्ते शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 21 जिला प्रश्न पत्र उड़नदस्ते, 38 उप-मंडल प्रश्न पत्र उड़नदस्ते एवं 10 रैपिड एक्शन फोर्स, सहायक निदेशक, सहायक सचिव (संचालन) के दो दो, एसटीएफ के 20 उड़नदस्ते भी गठित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षाओं के सुव्यवस्थित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए 15,660 सुपरवाइजर तथा 1,566 केन्द्र अधीक्षक नियुक्त किए हैं।
केंद्र अधीक्षकों के लिए पहचान पत्र भी इस बार
बोर्ड ने परीक्षा केन्द्र के अंदर प्रवेश के लिए पहचान पत्र अनिवार्य किया है। जिस अध्यापक के पास पहचान पत्र होगा, उसे ही प्रवेश की अनुमति होगी। बोर्ड अधिकारियों को आमतौर पर परीक्षाओं के दौरान शिकायतें मिलती रहती है कि निजी स्कूल संचालक अपने बच्चों को मैरिट में लाने के लिए अपने टीचिंग स्टॉफ को परीक्षा के दौरान अंदर भेजा जाता है। वहीं कुछ सरकारी स्कूलों के अध्यापक मुखिया अपने परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए अपने स्कूल के स्टॉफ के जरिए नकल करवाते हैं। इस बार बोर्ड ने इन शिकायतों पर सख्त कदम उठाते हुए नई व्यवस्था के तहत पहचान पत्र जारी किए हैं।
यह होगा पहली बार
वाट्स एप पर नजर के लिए 10 सदस्यीय टीम का गठन
हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने इस बार टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुए वाट्स एप नंबर जारी किया है। इसके लिए 10 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है जो हर दिन परीक्षा होने पर इस पर नजर बनाए रखेंगे। जैसे ही टीम के पास फोटो पहुंचेगा वो इसकी सूचना तुरंत उड़नदस्ते को देंगे और टीम मौके पर पहुंच कर परीक्षा को रद्द करेगी तीन साल तक सेंटर को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
परीक्षार्थीयों की आईकार्ड से होगी एंट्री
शिक्षा बोर्ड द्वारा इस बार आई कार्ड सिस्टम भी लागू किया गया है। इसके फायदा यह होगा कि परीक्षा केंद्रों में सिर्फ परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को ही एंट्री मिलेगी। क्योंकि इससे पहले अभी तक परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षार्थी के जान पहचान वाले केंद्र के अंदर टॉयलेट में पर्चियां छुपा आते थे ऐसे में अब इस पर अंकुश लगने की संभावना है।
100-100 रुपये जुर्माना
शहरोंमें जहां परीक्षा े दौरान नकल कम होती है तो गांवों में बहुत ज्यादा देखने को आती है। ऐसे में इस बार शिक्षा बोर्ड ने यह फैसला भी किया है कि जिस भी परीक्षा केंद्र पर नकल चलती मिली तो जिस स्कूल के विद्यार्थी बैठे होंगे उस स्कूल संचालक से विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से 100-100 रुपये लिए जाएंगे।
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