.

.

Breaking News

News Update:

How To Create a Website

*** Supreme Court Dismissed SLP of 719 Guest Teachers of Haryana *** यूजीसी नहीं सीबीएसई आयोजित कराएगी नेट *** नौकरी या दाखिला, सत्यापित प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं *** डीडी पावर के लिए हाईकोर्ट पहुंचे मिडिल हेडमास्टर *** बच्चों को फेल न करने की पॉलिसी सही नहीं : शिक्षा मंत्री ***

Sunday, 8 March 2015

दाखिले की डिटेल न देने पर यूनिवर्सिटीज की ग्रांट रुकेगी


** यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को जारी किए नए दिशा निर्देश 
हिसार : स्टूडेंट्स की संख्या और फंडिंग की जानकारी देने में अब किसी भी यूनिवर्सिटी की लेटलतीफी नहीं चलेगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन को आंकड़े मुहैया करवाने में लेटलतीफी खुद यूनिवर्सिटी के प्रोजेक्टों पर भारी पड़ेगी। क्योंकि यूजीसी ने फर्निसिंग ऑफ इनर्फोमेशन बाय यूनिवर्सिटीज रेग्युलेशन 2015 का नया नियम लागू किया है। इसके मुताबिक यूजीसी को फंड और दाखिले की डिटेल की जानकारी देने वाली यूनिवर्सिटी की ग्रांट भी रोकी जा सकती है।  
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यूजीसी की तरफ से समय-समय पर सभी यूनिवर्सिटीज से एडमिशन और फंडिंग से संबंधित तमाम जानकारियां मांगी जाती हैं। जैसे यूनिवर्सिटी में कुल कितने टीचर-स्टूडेंट्स हैं, कहां से किस मद में कितना फंड मिला आदि की जानकारी यूजीसी को भेजी जाती है, मगर यूनिवर्सिटी उन्हें गंभीरता से नहीं लेती। जहां पर टीम का निरीक्षण होना होता है केवल वही यूनिवर्सिटी समय पर जानकारी उपलब्ध कराती है। एेसी यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसने के लिए यूजीसी ने नया नियम बनाया है। फर्निसिंग ऑफ इनर्फोमेशन बाय यूनिवर्सिटीज रेग्युलेशन 2015 के तहत सभी यूनिवर्सिटी को जानकारी देना अनिवार्य होगा। 
यूनिवर्सिटी के अंकों पर भी नए नियम का असर पड़ेगा 
यूजीसी के नए नियम में स्पष्ट निर्देश है कि यदि इस नियम के अंतर्गत कोई यूनिवर्सिटी जानकारी उपलब्ध नहीं कराती तो कमीशन से मिलने वाले फंड पर रोक लगा दी जाएगी। यूजीसी के इस नियम से यूनिवर्सिटी पर पूरी तरह से शिकंजा कसा जाएगा। यूजीसी के नए नियम का प्रभाव यूनिवर्सिटी को मिलने वाले अंकों पर भी पड़ सकता है।                                         db

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.