भिवानी : प्रश्नपत्र लीक होने से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को लाखों रुपये का नुकसान हो गया है। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने नकल रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे, लेकिन इस घटना ने तमाम इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शिक्षा बोर्ड प्रशासन को एक उत्तरपुस्तिका प्रकाशित करवाने पर लगभग दस रुपये खर्च आता है। बुधवार को प्रदेश के 2 लाख 97 हजार 670 छात्रों को परीक्षा देनी थी। बोर्ड प्रशासन ने इसके लिए करीब तीन लाख से ज्यादा उत्तरपुस्तिकाओं की व्यवस्था की हुई थी। सूत्र बताते हैं कि जब तक प्रदेश के साढ़े 15 सौ से ज्यादा परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा रद होने की सूचना पहुंच पाई, तब तक अधिकांश में उत्तरपुस्तिकाएं बंट चुकी थी। ऐसे में परीक्षार्थियों ने अपने रोल नंबर व दूसरी जरूरी जानकारियां उतर पुस्तिकाओं पर लिख दी। इस कारण ये उतर पुस्तिकाएं बेकार हो गई। शिक्षा बोर्ड प्रशासन ने अब पूरा ब्योरा परीक्षा केंद्रों से मांगा है और उसकी सही जानकारी दो दिन बाद ही मिल पाएगी।
1.14 बजे वाट्सएप पर पहुंच गया था प्रश्नपत्र :
सूत्र बताते हैं कि शिक्षा बोर्ड प्रशासन द्वारा बनाए गए मोबाइल वाट्सएप पर दोपहर 1 बजकर 14 मिनट पर लीक हुआ प्रश्न पत्र पहुंच गया था। जबकि बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं 2 बजकर 30 मिनट पर शुरू होनी थी।
पहले प्रश्न पत्र की जांच करना जरूरी था :
शिक्षा बोर्ड के संयुक्त सचिव महेंद्रपाल ने कहा कि परीक्षा रोकने से पहले प्रश्न पत्र की जांच करना जरूरी था। जैसे ही करीब सवा एक बजे प्रश्न पत्र मिला तो उसकी जांच शुरू कर दी गई थी। समय रहते परीक्षा केंद्रों पर सूचना भी देनी शुरू कर दी गई थी, लेकिन समय कम रहने के कारण काफी परीक्षा केंद्रों में उत्तरपुस्तिकाएं बंट चुकी थी। dj
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