** कई स्कूलों में छात्र-छात्राओं को उत्तर पुस्तिका नहीं मिलने से हुई परेशानी
शिक्षा निदेशालय के नए नियमों के अनुसार पहली से पांचवीं तक की परीक्षा गुरुवार से शुरू हो गई। लेकिन इस परीक्षा में प्रश्नों के लंबे उत्तर देने में विद्यार्थी उलझते दिखे। हालांकि पहले अध्यापक संघ ने इन परीक्षाओं का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में उच्चाधिकारियों के आश्वासन के बाद विज्ञप्ति जारी कर इस फैसले को वापस ले लिया गया। ऐसे में अध्यापकों को एक-दूसरे स्कूलों में पहुंचकर परीक्षा की देखरेख करनी पड़ी।
बिना किसी पूर्व सूचना या घोषणा के हो रही इन परीक्षाओं के बारे में दो दिन पहले तक स्कूलों के हेड टीचरों को भी औपचारिक सूचना तक नहीं थी। ऐसे में परीक्षा के पहले दिन काफी दिक्कतें आईं। इस दौरान विद्यार्थियों के पेपर पैटर्न में तो बदलाव दिखा ही, साथ ही उन्हें प्रश्न पत्र के साथ उत्तर पुस्तिका नहीं दिए जाने से कई स्कूलों ने विद्यार्थियों को उत्तर पुस्तिका आनन- फानन में मुहैया करवाई।
पहली से पांचवीं कक्षा तक की गणित की परीक्षा के दौरान पेपर भी इस तरह का आया कि विद्यार्थियों को समझ में नहीं आया कि उत्तर कैसे लिखा जाए। इससे पहले दो महीने तक हुई परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र का पैटर्न पूरी तरह से बदला हुआ था। अब तक इन छात्र-छात्राओं ने इस तरह के बड़े उत्तर वाले प्रश्नों के उत्तर नहीं दिए थे, जिससे उन्हें परेशानी हुई। इस बारे में बताते हुए शिक्षक संजय ने बताया कि छात्र-छात्राओं की जनवरी माह में हुई परीक्षा में प्रश्न छोटे उत्तर वाले थे और इस बार बड़े उत्तर लिखने के लिए प्रश्न दिए गए हैं। अध्यापक तरुण सुहाग ने बताया कि पेपर के पहले बोर्ड को थोड़ी जानकारी देनी चाहिए थी और सैम्पल के रूप में विकल्प दिया जाना चाहिए था। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी प्रेमलता ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में एससीईआरटी के अधिकारियों से बात की है, और अन्य सब्जेक्ट की परीक्षाओं में किसी प्रकार की समस्या आए इसके लिए वे पहले से तैयार रहेंगे।
अधिकारियों ने मानीं मांगें
हरियाणा अध्यापक संघ के प्रदेश सचिव सत्यनारायण यादव ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने अध्यापकों की कुछ मांगों को मान लिया है। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष को सूचित किया गया है। अब अध्यापकों को अन्य स्कूलों में परीक्षा दिलाने के लिए मानदेय दिया जाएगा। dbgrgn
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