** एक तरफ उपस्थिति को ऑनलाइन करने की योजना, दूसरी तरफ बायोमेटिक मशीन खराब
फतेहाबाद : शिक्षा विभाग जल्द ही अध्यापकों की हाजिरी हर दिन ऑनलाइन करने जा रहा है ताकि कोई भी अध्यापक मनमानी न कर सकें, लेकिन दूसरी तरफ स्कूलों में बायोमेटिक मशीने ही खराब पड़ी हैं। इससे शिक्षा विभाग के लिए परेशानी भी खड़ी हो सकती है।
पहले स्कूलों के अध्यापक अपनी मनमानी करते थे और स्कूलों में हाजिर नहीं रहते थे। इसके अलावा आने जाने का भी कोई समय नहीं था। उन्हे सिर्फ रजिस्टर पर हाजिर लगाकर विभाग को भेजनी पड़ती थी। इसके अलावा कई अध्यापक स्कूल में न आकर घरेलू काम करते रहते थे। इसको देखते हुए सत्र 2009 -10 में शिक्षा विभाग द्वारा हाई व सीनियर सकेंडरी स्कूलों में बायोमेटिक मशीने लगाई थी ताकि विभाग अध्यापकों की हाजिरी ऑनलाइन कर उनके आने व जाने का पता लगा सके। इस हाजिर को पहले महीने के अंत में एक बार विभाग के पास भेजा जाता था, लेकिन आने वाले दिनों में ऐसा नहीं होगा क्योकि शिक्षा विभाग आने वाले दिनों में अध्यापकों की हाजिरी हर दिन ऑनलाइन करने का विचार बना रहा है। इस प्रकिया के शुरू होते ही अध्यापकों को अपनी ऑनलाइन हाजिरी महीने के अंत में नही बल्कि प्रतिदिन भेजनी होगी।
इसके बारे में विचार किया जाएगा : वर्मा
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डा. यज्ञदत्त वर्मा ने बताया विभाग हर दिन ऑनलाइन योजना बना रहा है। इस योजना को विभाग द्वारा आदेश मिलते स्कूलों में जल्द ही लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा जिन स्कूलों में बायोमेटिक मशीने खराब पड़ी है उन स्कूलों की रिपोर्ट मांगी जाएंगी। इसके बाद वह रिपोर्ट विभाग को भेज दी जाएगी। उसके बाद उन मशीनों को ठीक करवा दिया जाएगा।
इन कारणों के चलते ठीक नहीं हो पा रही बायोमेटिक मशीन
शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में बायोमेटिक मशीने निजी कंपनियों द्वारा लगाई गई थी। इसके अलावा मशीनों को देखरेख का जिम्मा भी उन्हे दिया गया था, लेकिन बाद निजी कंपनियों को शिक्षा विभाग द्वारा ब्लेक आउट कर दिया। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है। इसके बाद स्कूलों में खराब पड़ी बायोमेटिक मशीनों की देखरेख का जिम्मा विभाग का रह गया, लेकिन शिक्षा विभाग इन खराब पड़ी मशीनों को ठीक करने के लिए अपनी तरफ से कोई प्रयास करता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है जिसका फायदा अध्यापक उठा रहे है। मशीने खराब पड़ी होने के कारण अध्यापक मनमानी कर रहे है, लेकिन विभाग इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
शिक्षा विभाग की योजना पर सवालिया निशान
स्कूलों में बायोमेटिक मशीने लगाई गई थी। एक तरफ जहां शिक्षा विभाग हर दिन ऑनलाइन हाजिरी करने की सोच रहा है वही दूसरी तरह जिले के 50 प्रतिशत स्कूलों लगभग बायोमेटिक मशीने खराब पड़ी हुई है। इससे शिक्षा विभाग की योजना प्रणाली पर सवाल यह खड़ा हो रहा है क्योकि स्कूलों में बायोमेटिक मशीनें खराब पड़ी है और दूसरी तरफ विभाग हर दिन हाजिरी ऑनलाइन कैसे हो पाएंगी? dj
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