चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने मंत्रियों को दी तबादले की पावर वापस ले ली है। मंत्री अब अपनी मर्जी से अपने विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का तबादला नहीं कर सकेंगे। तबादले करवाने भी हैं तो इसके लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी लेनी होगी।
हालांकि अभी तक इस बारे में सरकार की ओर से लिखित आदेश जारी नहीं किये गए हैं, लेकिन सरकार की ओर से सभी मंत्रियों को मौखिक इस संबंध में बताया जा चुका है। अलबत्ता सरकार की ओर से मंत्रियों को दिए गए तबादलों के अधिकार की समय सीमा भी पूरी हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक सीएम की ओर से इस बारे में मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों को भी हिदायतें जारी की जा चुकी हैं। याद रहे कि गत वर्ष अक्तूबर में सत्ता में आने के बाद खट्टर सरकार ने सबसे पहले प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के तबादले किए थे।
इसके बाद 6 दिसंबर को सरकार ने आदेश जारी करके मंत्रियों को संबंधित विभागों के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले करने की पावर दी थी। इसके अलावा क्लास-टू व थ्री के अधिकारियों के तबादले के लिए मंत्रियों को सीधे अधिकार देने की बजाय सीएम के माध्यम से तबादले की मंजूरी थी। करीब महीने भर के लिए ही मंत्रियों को ये अधिकार दिए गए थे लेकिन बाद में सरकार ने समय सीमा में बढ़ोतरी कर दी थी। सरकार की ओर से तय समय सीमा भी अब समाप्त हो चुकी है।
इसी के चलते सरकार ने सभी मंत्रियों को साफ तौर पर कह दिया है कि अब वे किसी अधिकारी या कर्मचारी के तबादले की सिफारिश न करें। इससे पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों की सिफारिशों पर तैयार की गई तबादला सूचियों को अगले एक सप्ताह में जारी किए जाने को कहा गया है। बताते हैं कि इस बारे में अधिकारियों को भी निर्देश दिए जा चुके हैं। dt
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