** अंगूठे के निशान का नहीं हुआ मिलान, हिसार के 27 फंसे
हिसार : एसटेट 2009 परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर नौकरी पाने वाले 776 से ज्यादा जेबीटी शिक्षकों में नोटिस दिए जाने की चर्चाओं से हड़कंप मचा हुआ है। शिक्षा विभाग दो प्रकार के कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है।
अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो इनके खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा या फिर नौकरी से हटा दिया जाएगा।
वर्ष 2009 में स्पेशल टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट (एसटेट) की परीक्षा हुई थी। इस दौरान आवेदक की बजाए किसी दूसरे व्यक्ति ने परीक्षा दी थी। इसी वर्ष सरकार ने विज्ञापन जारी कर जेबीटी टीचर्स की नियुक्ति करने के लिए आवेदन मांगे। करीब 38 सौ टीचर्स का चयन हुआ और इन्हें 2011 में विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों में नियुक्त कर दिया था।
मधुबन लैब में हुई जांच :
इन टीचर्स के अंगूठे के निशान और परीक्षार्थी के अंगूठे के निशान का मिलान नहीं हो सका है। इसकी पुष्टि मधुबन स्थित फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट से हुई है। इसके बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। इसमें आरोपी जेबीटी टीचर्स के नाम, पिता का नाम और एसटेट रोल नंबर है।
मामले की पुष्टि का प्रयास :
शिक्षा विभाग द्वारा इन जेबीटी टीचर्स की सूची जारी करने से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। इस मामले की पुष्टि करने के लिए सभी प्रयास में जुट गए है। यहां तक कि सूची में कहीं उनका भी नाम तो शामिल नहीं, यह जानने के लिए शिक्षा विभाग के चक्कर भी काटते हुए मिले। dj
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