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Wednesday, 11 March 2015

पूरे सिलेबस की परीक्षा लेनी थी तो हर माह क्यों लिए पेपर

** मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बैठक कर रोष जताया 
** परीक्षाओं की कार्यप्रणाली पर गरजे अध्यापक 
टोहाना : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से जुड़े अध्यापक परीक्षाओं की कार्यप्रणाली के विरोध में लामबंद हो गए। उन्होंने खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक बैठक कर रोष जताया तथा जमकर नारेबाजी भी। राज्य वरिष्ठ उपप्रधान धर्मेंद्र ढांडा ने कहा कि शिक्षा विभाग जान बूझकर सरकारी स्कूलों को बदनाम करने की साजिश कर रहा है। सत्र के अंत में अध्यापकों बच्चों को बताया जा रहा है कि परीक्षाएं सेमेस्टर सिस्टम से नहीं बल्कि मार्च में पूरे सिलेबस से ली जाएंगी। 
उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सत्र के प्रारंभ में विद्यालय कैलेंडर में दर्ज नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अगर मार्च में पूरे सिलेबस की परीक्षाएं लेनी थी तो फिर हर महीने मासिक परीक्षाओं के कार्य और मूल्यांकन का बोझ बच्चों टीचर्स पर क्यों डाला गया। छोटे छोटे बच्चों को दूसरे स्कूलों में परीक्षाओं के लिए भेजा जा रहा है जो बाल मनोविज्ञान शिक्षा का अधिकार अधिनियम के खिलाफ है। जिला सदस्य सुभाष शर्मा ने कहा कि अध्यापकों को कक्षा में शिक्षण कार्य करने का समय ही नहीं दिया जा रहा है लेकिन खराब परिणाम की सारी जिम्मेदारी अध्यापकों पर डाल दी जाएगी। 
अध्यापक संघ सदस्यों ने मांग की कि किसी भी प्रकार की परीक्षाओं अन्य गतिविधियों के बारे में स्कूल कैलेंडर में सत्र के आरंभ में ही स्पष्ट दर्ज हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इन परीक्षाओं की कार्यप्रणाली में बदलाव नहीं करती तो शिक्षक इन परीक्षाओं का पूर्णरूप से बहिष्कार करेंगे और इसकी सारी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी।                                     db

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