** जींद में सबसे अधिक एडमिशन, सिरसा के 236 स्कूलों में प्रक्रिया शुरू नहीं
जींद : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया को पूरी करने में प्राइमरी स्कूल मुखिया रुचि नहीं दिखा रही है। यही वजह है कि अब तक प्रदेश के 1756 प्राइमरी स्कूलों के मुखियाओं ने आनलाइन दाखिला प्रक्रिया शुरू भी नहीं की है। हालांकि जींद जिले के अधिकारियों के लिए अच्छी बात यह है कि जिले के मात्र एक प्रतिशत स्कूल ही ऐसे बचे हैं, जिन्होंने अब तक यह ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू नहीं की है जबकि सिरसा के 236 प्राइमरी स्कूलों ने अब तक यह प्रक्रिया शुरू भी नहीं की है।
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने अबकी बार दाखिला प्रक्रिया आनलाइन की थी, जिसके तहत प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पहले से दाखिल या नए छात्रों की दाखिला प्रक्रिया को अॅानलाइन किया जाना था। विभाग ने सभी जिलों में 30 मई तक 50 प्रतिशत तथा 30 जून तक 80 प्रतिशत आनलाइन दाखिला प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 30 मई की डेडलाइन के बावजूद 2552 स्कूलों ने एमआइएस पर बच्चों की दाखिला प्रक्रिया को नहीं भरा। इसमें से 80 प्रतिशत स्कूल प्राइमरी थे। अब विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि यदि एमआईएस डाटा की प्रक्रिया पूरी नहीं की जाती तो इसके लिए संबंधित प्राइमरी स्कूल के डीडीओ जिम्मेदार होंगे। यदि वे ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। प्रदेश में कुल 14570 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें प्राइमरी, मिडिल, हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं, जिनमें से अब तक 2177 स्कूलों ने एक भी दाखिला प्रक्रिया आनलाइन नहीं की है। 2177 में से 1766 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं, जिन्होंने अब तक दाखिला प्रक्रिया को आनलाइन नहीं किया है जबकि मिडिल स्कूलों की संख्या 327 तथा हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या 77 है जबकि अन्य स्कूलों की संख्या 17 हैं।1मेहनत का नतीजा : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के प्रेस सचिव भूप वर्मा का कहना है कि अध्यापकों ने दिन-रात एक कर यह काम पूरा किया है। सभी स्कूल मुखियाओं के इस कार्य हेतु हजारों रुपये जेब से लगे हैं। विभाग ने इसके लिए कोई फंड उपलब्ध नहीं करवाया है। इसके लिए तुरंत राशि की व्यवस्था करनी चाहिए।
न कंप्यूटर न शिक्षक फिर भी लक्ष्य किया पूरा
जींद जिला एमआइ्रएस पूरा करने में अव्वल रहने पर दूसरे जिलों के शिक्षकों के लिए मिसाल बन गया है। शिक्षकों ने मेहनत कर तथा अपनी जेब से पैसे खर्च कर यह काम पूरा किया है। यही नहीं प्राइमरी स्कूलों में न तो सिम है, न कंप्यूटर न ही कंप्यूटर शिक्षक। उसके बावजूद प्राइमरी स्कूलों में भी यह प्रक्रिया पूरी कर दी गई है। यही वजह है कि प्राइमरी स्कूलों में सुविधाएं नहीं होने के कारण प्रदेश के 1700 से अधिक प्राइमरी स्कूलों ने यह काम पूरा नहीं किया है।
दो बार दी जा चुकी ट्रेनिंग
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