अम्बाला : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब स्मार्ट क्लास लगाई जाएगी। सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास लगाने की शुरूआत सैकेंडरी सीनियर सेकंडरी स्कूलों से की जाएगी। प्रदेश के शिक्षा विभाग की ओर से सरकार को उन स्कूलों की सूची भेजी दी गई है। जिनमें यह स्मार्ट क्लास की शुरूआत की जाएगी।
यह स्मार्ट क्लास भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम के अंतर्गत लगाई जाएगी। भारत सरकार के द्वारा इस योजना के लिए शिक्षा विभाग को 94 करोड़ रुपए का बजट दिया गया। विभाग के द्वारा लगाई जाने वाली स्मार्ट क्लास अभी सैंपल के तौर पर शुरू की जाएगी। यह स्मार्ट क्लास प्रदेश के सभी जिलों के हर ब्लाकों में से 5 स्कूलों में शुरू की जाएगी। पूरे प्रदेश में 119 ब्लाक है। विभाग के द्वारा पूरे प्रदेश में लगभग 600 स्कूलों को चिंहित कर लिया गया है। जहां यह क्लास लगाई जाएगी।
यदि सैंपल के तौर पर 600 स्कूलों में लगाई जाने वाली स्मार्ट क्लास की योजना सफल होती है। तो प्रदेश के बाकी 3500 हजार स्कूलों मे भी स्मार्ट क्लास बनाई जाएगी। शिक्षा विभाग के द्वारा स्मार्ट क्लास के लिए टीचरोंं की लिस्ट भी सरकार को भेज दी गई है। प्रत्येक सरकारी स्कूल में से 2 टीचरों को स्मार्ट क्लास की ट्रेनिंग दी जाएगी। बाद में टीचर बाकी स्कूलों के टीचरों को स्मार्ट क्लास की ट्रेनिंग देंगे। यह क्लास अभी उन स्कूलों में शुरू की जा रही है। जिन स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है। योजना की शुरूआत फेज 1 के रूप में की जा रही है। बाद में विभाग फेज 2 की शुरूआत करेगा।
क्या होगा फायदा
अभी तक स्मार्ट क्लास की सुविधा सिर्फ प्राईवेट स्कूलों में ही थी। लेकिन सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लास शुरू होने से बच्चों अभिभावकों का सरकारी स्कूल के प्रति रुझान बढ़ेगा। साथ सरकारी स्कूल के बच्चों को आधुनिक तकनीक के बारे में भी बताया जाएगा। स्मार्ट क्लास से बच्चें चीजों काे अच्छी तरीके से समझ पाएंगे। सरकारी स्कूलों मेें बच्चों के घटती संख्या में भी इजाफा हो सकता है।
"सरकार ने यह कदम सरकारी स्कूलों के शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए उठाया है। स्मार्ट क्लास से सरकारी स्कूलों के बच्चें भी प्राइवेट स्कूल में लगने वाली स्मार्ट क्लास का फायदा उठा सकेंगे। "-- धर्मवीरकादयान, जिला शिक्षा अधिकारी, अम्बाला db
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