** शिक्षा विभाग ने द्वारा 2012 में जारी की गई प्रमोशन नीति के तहत इन शिक्षकों को नहीं दिया गया लाभ
कुरुक्षेत्र : लेक्चरर पद के लिए योग्य साइंस मैथ टीचरों की प्रमोशन नियमों के फेर में उलझ गई है। इसके चलते इन शिक्षकों को प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2012 में जारी की गई प्रमोशन नीति में साइंस गणित टीचरों को स्नातकोत्तर विषय की पढ़ाई का लाभ ही नहीं दिया गया। इसके चलते साइंस मैथ्स टीचर एमएससी करने के बावजूद मास्टर के पद पर ही रहने को मजबूर हैं।
दिलचस्प बात तो यह है कि सरकार द्वारा निकाली गई लेक्चरर भर्ती में भी सैकड़ों साइंस मैथ्स के पद योग्य आवेदक मिलने के कारण खाली रह गए थे। ऐसे में जहां एक ओर विभाग लेक्चरर की कमी से जूझ रहा है वहीं अपने योग्य टीचर्स को प्रमोशन नहीं दे रहा।
प्रमोशन नियम में हो संशोधन
साइंस मैथ शिक्षकों का कहना है कि प्रमोशन के नियमों में संशोधन होना चाहिए। फिजिक्स, केमिस्ट्री गणित तीनों ही नॉन मेडिकल का हिस्सा हैं। ऐसे में इन्हें अलग-अलग नहीं किया जा सकता। इसलिए प्रमोशन का लाभ मिलना चाहिए।
पॉलिसी के अनुसार मांगे केस
जिलाशिक्षा अधिकारी सुमन आर्य ने कहा कि 2012 की प्रमोशन पॉलिसी के तहत ही लेक्चरर पद पर प्रमोशन के केस मांगे गए हैं। पॉलिसी बनाने का काम शिक्षा निदेशालय के अधिकारी करते हैं। जिला स्तर पर इस मामले में कार्रवाई नहीं की जा सकती।
इन नियमों के तहत लगाई गई है रोक
शिक्षा विभाग द्वारा 2012 में बनाई प्रमोशन नीति के अनुसार साइंस टीचर की प्रमोशन फिजिक्स केमिस्ट्री के लेक्चरर पद पर ही हो सकती है। मैथ्स से स्नातकोत्तर करने वाले टीचर्स को इससे बाहर रखा गया है। वहीं मैथ्स टीचर्स की प्रमोशन मैथ्स लेक्चरर के पद पर ही हो सकती है। फिजिक्स केमिस्ट्री विषय से एमएससी करने वाले टीचर्स को प्रमोशन से बाहर रखा गया है। टीचर कृष्ण कुमार, निरंजन सिंह, महिंद्र कुमार और कर्ण सिंह ने कहा कि फिजिक्स, केमिस्ट्री गणित तीनों ही नॉन मेडिकल के विषय हैं। बीएससी में तीनों ही विषय होते हैं और बीएससी करने वाले विद्यार्थी फिजिक्स, केमिस्ट्री गणित तीनों में ही एमएससी कर सकते हैं। इसके बावजूद साइंस और मैथ्स टीचर्स की प्रमोशन के लिए अलग नियम बनाकर योग्य टीचर्स को प्रमोशन से रोका जा रहा है। db
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