यमुनानगर : बारिश का मतलब है छुट्टी का दिन… बच्चों की मौज-मस्ती का दिन। यमुनानगर के पांवटा-जगाधरी नेशनल हाईवे 73-ए पर स्थित मिडल स्कूल बाढ़ व बारिश के दिनों में ‘समंदर’ का रूप ले लेता है। इसी स्कूल परिसर में प्राइमरी विंग भी चल रहा है। कई बार तो एक ही अध्यापक को पांच-पांच कक्षाओं को एक साथ बिठाकर पढ़ाना पड़ता है। अध्यापकों की कमी के चलते बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर हो रहा है।
यमुना किनारे बसे इस स्कूल में अकसर बाढ़ की विभीषिका देखी जा सकती है। बाढ़ के अलावा भी यहां थोड़ी सी वर्षा में स्कूल के चारों तरफ पानी खड़ा हो जाता है जिससे बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते। उन्हें छुट्टी कर के घर भेज दिया जाता है। स्कूल के प्रांगण में ही प्राइमरी विंग है जहां 55 बच्चे अपना भविष्य बनाने आते हैं लेकिन अध्यापकाें की कमी के चलते उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। यहां की हेड टीचर 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गयी थी। उसके बाद से पहली से पांचवी तक की कक्षाओं के लिए मात्र दो जेबीटी टीचर तैनात हैं।इनमें से एक टीचर स्कूल के हेड टीचर का कार्य निपटाने में जुटी रहती है। उसे स्कूल के जरूरी काम निपटाने को स्कूल से बाहर भी जाना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में दूसरी टीचर सभी पांचों कक्षाओं को एक साथ बिठाकर पढ़ाती है। इन पांच कक्षाओं के कई विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने अपनी किताबें भी कभी खोल कर नहीं देखीं। इसी बिल्डिंग में छठी से आठवीं तक की कक्षाएं लगती हैं जिनको पढ़ाने के लिए एक हेडमास्टर के आलावा दो टीचर हैं। इन तीन कक्षाओं में 39 विद्यार्थी पढ़ते हैं। स्कूल के हेडमास्टर रमेश कुमार के मुताबिक स्कूल से संबंधित समस्याओं व रिपोर्ट को हर माह उच्चाधिकारियों को भेजा जाता है। स्कूल के आसपास पानी जमा होने को लेकर वह कई बार पंचायत को भी अनुरोध कर चुके हैं लेकिन समाधान नहीं निकला।
क्या कहते हैं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अशोक धीमान ने बताया कि प्राइमरी हेड टीचर की सेवानिवृति के बाद खाली हुए पद को भरने के लिए विभाग को लिखा गया है। पानी जमा होने की समस्या को लेकर भी विभाग के उच्च अधिकारियों के अलावा मुख्यालय में अनुरोध किया गया है। मुख्यालय से बजट आने पर ही इस समस्या का स्थाई समाधान हो पाएगा । dt
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