चंडीगढ़ : सरकारी कॉलेजों से हटाए जा चुके 2200 एक्सटेंशन लेक्चरर
के लिए राहत भरी खबर है। सरकार ने उनकी सेवाएं जारी रखने का निर्णय लिया
है। इनकी नई सिरे से ज्वाइनिंग पुरानी प्रक्रिया के तहत होगी। मुख्यमंत्री
मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने इनके सेवा विस्तार को मंजूरी
दे दी है।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से भेजी गई फाइल भी स्वीकृत कर दी गई
है। कॉलेजों में लेक्चरर के पद पर सेवानिवृत्त प्रोफेसर या प्रिंसिपल की
सेवाएं सिर्फ खाली पदों पर ली जाएंगी। जिन कॉलेजों में एक्सटेंशन लेक्चरर
नहीं हैं, या नए युवा लेक्चरर नहीं मिलते, वहीं पर सेवानिवृत्त प्रोफेसर को
नियुक्त किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने बीते दिनों एक्सटेंशन लेक्चरर
की सेवाएं खत्म कर दी थीं। विभाग सिर्फ नेट व पीएचडी पास करीब नौ सौ
एक्सटेंशन लेक्चरर की ही सेवाएं जारी रखने के मूड में था, लेकिन नौकरी से
हटाए जाने का कड़ा विरोध होने पर सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा। उच्च
शिक्षा विभाग ने बीते दिनों पॉलिसी में बदलाव करते हुए एक्सटेंशन लेक्चरर
के पद पर केवल सेवानिवृत्त प्रिंसिपल, एसोसिएट प्रोफेसर या असिसटेंट
प्रोफेसर को ही रखने का निर्णय लिया था। इन्हें कॉलेजों में 250 रुपये
प्रति लेक्चर मानदेय देने की तैयारी थी।1 सरकार को इसलिए भी नई पॉलिसी लागू
करने में झटका लगा, चूंकि कॉलेजों से सेवानिवृत्त प्रिंसिपल या प्रोफेसर
को पेंशन ही साठ हजार से ज्यादा मिल रही है। इसलिए ढाई सौ रुपये प्रति
लेक्चर के हिसाब से कोई सेवाएं देने को तैयार नहीं हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर
लाल के ओएसडी जवाहर यादव ने राज्य सरकार के फैसले की पुष्टि करते हुए बताया
कि सरकार डीम्ड यूनिवर्सिटी में भी एक हजार लेक्चरर की नियुक्ति जल्द
करेगी। dj
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