** पहली बार व्यवस्था लागू, डाटा बेस से रोकेंगे धांधली
कानपुर : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजों के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा रोकने की बड़ी पहल की है। इसी सिलसिले में देश के सात लाख शिक्षकों से पैन कार्ड, आधार नंबर मांगे गए हैं। सारी सूचना 15 अगस्त तक उपलब्ध करानी है। शिक्षकों का डाटा बेस बनाकर विशेष साफ्टवेयर से लिंक किया जाएगा, जो बता देगा कि एक शिक्षक का नाम कितने कॉलेजों में अनुमोदित हैं। इससे फर्जीवाड़े खुलकर सामने आ जाएंगे। जिन शिक्षकों के नाम का इस्तेमाल एक से ज्यादा जगह पर होगा, उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
एआईसीटीई के कानपुर क्षेत्रीय कार्यालय से यूपी, बिहार और उत्तराखंड के 1350 इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट जुड़े हैं। कानपुर नगर के 35 इंजीनियरिंग कॉलेजों में ही लगभग चार हजार शिक्षक पढ़ाते हैं। एआईसीटीई को जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक शिक्षकों की नियुक्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। एक शिक्षक के नाम 10-10 इंजीनियरिंग या फिर मैनेजमेंट कॉलेजों में अनुमोदित हैं। यूपी में ही चार हजार शिक्षकों के फर्जी होने का संदेह है। एआईसीटीई के क्षेत्रीय अधिकारी एके शुक्ला ने बताया कि वेबसाइट www.aicte-india.org पर मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेजों की सूची उपलब्ध है।
नियुक्त शिक्षक के नाम, जन्मतिथि, शैक्षिक अर्हता, बैंक अकाउंट की जानकारी भी है। इसके बावजूद फर्जीवाड़े से पर्दा नहीं उठ सका है। यही वजह है कि एआईसीटीई ने शिक्षकों के पैन कार्ड, आधार नंबर देने अनिवार्य कर दिए हैं। au
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