चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ा रहे टीजीटी (ट्रेंड
ग्रेजुएट टीचर्स) के पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स) बनने के सपने को
शिक्षा विभाग ने तगड़ा झटका दिया है। पदोन्नति कोटे से टीजीटी को सात वर्ष
बाद पीजीटी बनने की उम्मीद जगी थी, लेकिन विभाग द्वारा जारी एक पत्र से
प्रोन्नति में पेंच फंस गया है। शिक्षा निदेशालय में सारा रिकॉर्ड जमा करा
चुके इन टीजीटी से विभाग बीए की डिग्री अंग्रेजी के वैकल्पिक पाठ्यक्रम के
साथ मांग रहा है।
अंग्रेजी के लगभग दो हजार टीजीटी में से एक भी विभाग की इस शर्त को पूरा नहीं करता है। चूंकि बीए की पढ़ाई के दौरान किसी भी टीजीटी ने अंग्रेजी को इलेक्टिव या वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ा ही नहीं है। विभाग ने अगर इस शर्त में ढील नहीं दी तो प्रोन्नति कोटे से पीजीटी बनने का टीजीटी का सपना पूरा नहीं हो पाएगा। प्रदेश के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में वर्ष 2012 से पहले अंग्रेजी को बीए में वैकल्पिक पाठ्यक्रम के तौर पर नहीं पढ़ाया जाता था। बावजूद इसके विभाग ने पदोन्नति में ये शर्त लगा दी है। इस नई शर्त से प्रभावित होने वाले टीजीटी प्रमोशन में 1998 की सरकार की पॉलिसी के तहत छूट देने की मांग कर रहे हैं। प्रावधान है कि जो डिग्री या कोर्स हरियाणा के विश्वविद्यालयों, स्कूल शिक्षा बोर्ड, राष्ट्रीय अध्यापक प्रशिक्षण परिषद या यूजीसी से मान्यता प्राप्त हैं, वे नौकरियों के लिए भी मान्य होंगे। इसलिए अंग्रेजी वैकल्पिक विषय को अंग्रेजी अनिवार्य विषय के समान मानते हुए टीजीटी को पीजीटी प्रमोशन में मौका मिलना चाहिए। स्कूल मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक का कहना है कि एमडीयू रोहतक व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय भी शैक्षणिक परिषद की बैठक में बीते वर्ष अंग्रेजी वैकल्पिक की डिग्री को अनिवार्य के समान मानने को मंजूरी दे चुके हैं। इससे सरकार को पीजीटी पदोन्नति में बीए की डिग्री अंग्रेजी के वैकल्पिक पाठ्यक्रम के साथ होने की शर्त तत्काल हटा लेनी चाहिए। dj
अंग्रेजी के लगभग दो हजार टीजीटी में से एक भी विभाग की इस शर्त को पूरा नहीं करता है। चूंकि बीए की पढ़ाई के दौरान किसी भी टीजीटी ने अंग्रेजी को इलेक्टिव या वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ा ही नहीं है। विभाग ने अगर इस शर्त में ढील नहीं दी तो प्रोन्नति कोटे से पीजीटी बनने का टीजीटी का सपना पूरा नहीं हो पाएगा। प्रदेश के कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में वर्ष 2012 से पहले अंग्रेजी को बीए में वैकल्पिक पाठ्यक्रम के तौर पर नहीं पढ़ाया जाता था। बावजूद इसके विभाग ने पदोन्नति में ये शर्त लगा दी है। इस नई शर्त से प्रभावित होने वाले टीजीटी प्रमोशन में 1998 की सरकार की पॉलिसी के तहत छूट देने की मांग कर रहे हैं। प्रावधान है कि जो डिग्री या कोर्स हरियाणा के विश्वविद्यालयों, स्कूल शिक्षा बोर्ड, राष्ट्रीय अध्यापक प्रशिक्षण परिषद या यूजीसी से मान्यता प्राप्त हैं, वे नौकरियों के लिए भी मान्य होंगे। इसलिए अंग्रेजी वैकल्पिक विषय को अंग्रेजी अनिवार्य विषय के समान मानते हुए टीजीटी को पीजीटी प्रमोशन में मौका मिलना चाहिए। स्कूल मास्टर वर्ग एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मलिक का कहना है कि एमडीयू रोहतक व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय भी शैक्षणिक परिषद की बैठक में बीते वर्ष अंग्रेजी वैकल्पिक की डिग्री को अनिवार्य के समान मानने को मंजूरी दे चुके हैं। इससे सरकार को पीजीटी पदोन्नति में बीए की डिग्री अंग्रेजी के वैकल्पिक पाठ्यक्रम के साथ होने की शर्त तत्काल हटा लेनी चाहिए। dj
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