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Friday, 7 August 2015

तबादलों की अर्जियां फाड़ कर फेंकने लगे मंत्री

** ट्रांसफर बंद होने के बावजूद मारामारी, पंचायत चुनाव की दलीलें दे टरका रहे मंत्री 
चंडीगढ़ : हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के तबादले बंद हो चुके हैं, लेकिन मारामारी बरकरार है। रोज मंत्रियों की कोठी पर तबादले चाहने वालों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। इससे परेशान मंत्री पंचायत चुनाव की दलील देकर ऐसे लोगों को न केवल टाल रहे, बल्कि जिद पर अड़े कर्मचारियों और उनके पैरोकार की अर्जियां तक फाड़कर फेंकने लगे हैं। 
प्रदेश में स्थायी तबादला नीति नहीं होने के कारण ऐसे हालात बन रहे हैं। भाजपा विधायक पार्टी की बैठकों में तबादले नहीं होने का मुद्दा कई बार उठा चुके हैं। इस बार करीब 20 हजार कर्मचारियों ने अपने तबादलों के लिए अर्जियां दी हैं, लेकिन ज्यादातर पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। जिन कर्मचारियों के राजनीतिक दबाव में तबादले हो गए, अब वह उन्हें रुकवाने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं।
सैकड़ों केस ऐसे भी सामने आए हैं कि तबादला नहीं चाहने वाले कर्मचारियों के तबादले हो गए। ऐसे कर्मचारियों के राजनीतिक विद्वेष में ट्रांसफर नोट बनाकर मंत्रियों से साइन करा लिए गए और उन्हें बदल दिया गया है। ऐसे कर्मचारियों में अपने तबादले रुकवाने के लिए मारामारी मची हुई है। 
प्रदेश में हजारों कर्मचारी तबादलों के लिए हर रोज मंत्रियों की कोठियों पर पहुंच रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद जब उनकी मंत्रियों से मुलाकात होती है तो वे तबादलों की अर्जियां लेने से साफ इनकार कर रहे हैं। मंत्रियों के दफ्तरों में भी यही हालात है। गुस्से में मंत्रियों ने तबादलों की अर्जियों पर गौर बंद कर दिया है। एक कर्मचारी द्वारा तबादला नोट लिखने की जिद पर अड़ने से नाराज होकर मंत्री ने उसे सस्पेंड तक कर दिया। 
प्रदेश में 3 लाख 19 हजार सरकारी कर्मचारी हैं। इनमें 2.25 लाख तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। राज्य में किसी भी दल की सरकार को, हर साल मंत्रियों को तबादलों के अधिकार दिए जाते हैं। मनोहर सरकार में मंत्रियों को यह सुविधा दो बार मिली। दोनों बार तबादलों के लिए घमासान मचा रहा। मंत्रियों के स्टाफ की मनमानी की शिकायतें भी सीएम सचिवालय तक पहुंची हैं।
सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार सरकार तबादला नीति लाती है तो उसका स्वागत होगा, लेकिन सिर्फ शिकायतों के आधार पर किसी कर्मचारी का तबादला नहीं किया जाना चाहिए। राज्य सरकार को एक ही जगह पर कई-कई सालों से जमे लोगों की पहचान कर उन्हें तबदील करना चाहिए। सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान करने की दिशा में गंभीर प्रयास करने होंगे।                                                                                                                 dj

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