फतेहाबाद : सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के दाखिल सरकारी नियमानुसार मान्य नहीं हैं। डीसी की जानकारी में जब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बिना आधार आईडी के इन बच्चों का आंकड़ा पहुंचा तो उन्होंने तुरंत इस संबंध में स्पेशल कैंप लगाने के आदेश दिए। आदेशों पर तुरंत अमल हुआ लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से आनन-फानन में जारी आदेशों में अध्यापकों को समय रहते जानकारी नहीं दी गई। इससे परेशानी जहां अध्यापकों को बच्चों की स्कूल आईडी तैयार करने में हुई। वहीं बच्चे और उनके परिजन आधार कार्ड बनवाने के नियमों की जानकारी के अभाव में कभी इधर तो कभी उधर भटकते रहे।
फतेहाबाद के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में एक साथ करीब 7 मशीनें आधार कार्ड बनवाने के लिए लगाई गईं लेकिन यहां पर आधार कार्ड के बिगड़े सिस्टम से अध्यापक, बच्चे और उनके परिजन परेशान दिखाई दिए। दूसरी यह बात सामने आई है कि स्कूल में आधार कार्ड बनाने के लिए लगाई गई मशीनों पर नियुक्त इंचार्ज के अनुसार करीब 23 हजार बच्चों के आधार कार्ड बनने हैं तो दूसरी ओर शिक्षा विभाग का कहना है कि सरकारी स्कूलों के करीब 10 हजार बच्चों आधार कार्ड बनाए जाने हैं। ऐसे में यह भी तय है कि आधार कार्ड कितने बच्चों के बने हैं और कितनों के नहीं इसका भी सही आंकड़ा अभी तय नहीं है।
आधार कार्ड बनवाने के लिए पूरे जिले में केवल एक ही स्कूल में मशीनें लगाई गईं। मशीन पर आधार कार्ड बनवाने के लिए पहुंचने से पहले आवश्यक कागजी कार्रवाई की तैयारी आनन-फानन में अध्यापक पूरी नहीं कर पाए। अध्यापकों के अनुसार स्कूली बच्चे का आधार कार्ड बनवाने के लिए संबंधित स्कूल के लेटर पैड पर बच्चे के बारे में जानकारी लिखकर उसे प्रमाणित करना जरूरी होता है। शुक्रवार को आदेशों के बारे में देरी से जानकारी पहुंचने और शनिवार, रविवार अवकाश के कारण अध्यापकों को बच्चों की आईडी बनाने में परेशानियां हुई। बच्चों को भी आधार कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेजों के बारे में नहीं समझाने के कारण उनके परिजन भी कभी इधर तो कभी उधर भटकते रहे।
हमें सरकारी स्कूल में मशीनें लगाने के आदेश मिले है : सिकंदर
"हमें सरकारी स्कूल में मशीनें लगाने के आदेश मिले थे। पूरे जिले में फतेहाबाद के सरकारी स्कूल में आधार कार्ड बनाने के लिए मशीनें लगाई गईं थीं। सरकारी स्कूलों के आधार कार्ड बनवाने वाले बच्चों का हजारों का आंकड़ा है लेकिन 2 दिनों के कैंप में 7 मशीनों से केवल एक हजार बच्चों के आधार कार्ड बने। भविष्य में छुट्टी के दिन कैंप लगाने के बारे में आगामी आदेशों के बाद विचार होगा।''-- सिकंदर,तकनीकी सहायक, जिला सूचना विभाग।
10 हजार बच्चों के आधार कार्ड बनने हैं : डीईओ
"जिले के सरकारी स्कूलों में करीब एक लाख 10 हजार बच्चे के दाखिले हुए हैं। नियमानुसार स्कूलों में दाखिले के लिए आधार कार्ड जरूरी है क्योंकि आधार नंबर के जरिए ही बच्चों को विभिन्न योजनाओं सुविधाओं का लाभ दिया जाना है। जिले में जिन बच्चों के दाखिले बिना आधार के हैं उनकी संख्या करीब 10 हजार है। इन बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के लिए स्पेशल कैंप आयोजित करवाए गए हैं। कैंप के बारे में शुक्रवार को समय से सूचना स्कूलों में दी गई थी और अध्यापकों को तय नियमों के बारे में जानकारी है।''-- यज्ञदत्तवर्मा, डीईओ, फतेहाबाद। db
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