नई दिल्ली : उद्योग चैंबर एसोचैम ने धारा 80सी के तहत आयकर छूट वाली बचत की सीमा ढाई लाख रुपए करने की सिफारिश की है। अभी यह डेढ़ लाख रुपए है। खपत बढ़ाने के लिए इसने मानक कटौती या स्टैंडर्ड डिडक्शन दोबारा लागू करने का भी आग्रह किया है। गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने 2016-17 के बजट के लिए सभी पक्षों से चर्चा शुरू कर दी है। चैंबर ने इसी सिलसिले में अपनी सिफारिशें दी हैं।
चैंबर ने वेतनभोगियों को राहत देने के लिए और भी कई सिफारिशें की हैं। इसने कहा है कि होम लोन के ब्याज पर छूट की सीमा कम से कम तीन लाख रुपए की जाए। अभी यह दो लाख है। मूलधन के लिए भी सीमा बढ़ाई जाए।
एसोचैम का कहना है कि लोगों का वेतन बढ़ा है, लेकिन महंगाई और दूसरी बातों पर गौर करना जरूरी है। इसलिए मानक कटौती दोबारा लागू की जानी चाहिए। इसकी सीमा दो लाख रुपए या वेतन के एक तिहाई, दोनों में जो कम हो वह तय की जा सकती है।
कर चुकाने वाले वेतनभोगियों के लिए इसने प्रोफेशनल्स की तरह डेप्रिसिएशन अलाउंस का भी सुझाव दिया है। कर गणना के लिए लीव एनकैशमेंट (छुटिटयों के बदले पैसे लेना) की सीमा भी बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने की बात कही गई है। अभी इसकी सीमा तीन लाख रुपए है, जो 1998 में तय की गई थी। इसने कहा है कि एचआरए, ट्रांसपोर्ट अलाउंस और बच्चों की पढ़ाई के खर्च की सीमा बढ़ाई जाए। ट्रांसपोर्ट अलाउंस अभी 1,600 रुपए प्रति माह है। इसे 3,000 रुपए करने की सिफारिश है। एक बच्चे की पढ़ाई के लिए महीने में 100 रुपए या साल में 1,200 रुपए की छूट मिलती है। यह छूट अधिकतम दो बच्चों के लिए ली जा सकती है।
बजट के लिए चैंबर की सिफारिशें
- होम लोन ब्याज पर छूट की सीमा तीन लाख रुपए की जाए।
- लीव एनकैशमेंट की सीमा 3 से बढ़ाकर 10 लाख रु. की जाए।
- ट्रांसपोर्ट अलाउंस 1,600 से बढ़ाकर 3,000 रुपए प्रति माह हो।
- एचआरए, ट्रांसपोर्ट अलाउंस और बच्चों की पढ़ाई के खर्च की सीमा बढ़ेे। db
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