** जमकर की नारेबाजी, बायोमीट्रिक का बहिष्कार आगे भी जारी रखने का निर्णय
सोनीपत : प्राध्यापक वर्ग को अनुशासन में बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा उत्तर पुस्तिका जांच में भी लागू बायोमैट्रिक सिस्टम का विरोध हो गया है। 28 मार्च से शुरू हुई उत्तर पुस्तिका जांच के लिए 30 मार्च को शिक्षा विभाग ने बायोमैट्रिक पर हाजिरी अनिवार्य की थी। गुरुवार को प्राध्यापक वर्ग राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मॉडल टाउन स्थित मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचे तो जरूर, लेकिन बायोमैट्रिक हाजिरी नहीं लगाई। दोपहर को इस व्यवस्था को वापस लेने की मांग को लेकर केंद्र पर जमकर नारेबाजी की गई, घोषणा की कि वे आगे भी बायोमैट्रिक हाजिरी का बहिष्कार जारी रखेंगे।
250 लोगों की हाजिरी एक साथ कैसे लगेगी :
वरिष्ठ प्राध्यापक कृष्ण वत्स ने कहा कि मूल्यांकन कार्य के लिए केंद्र में 250 प्राध्यापकों की नियुक्ति हैं। मशीन उतनी है नहीं, ऐसे में प्राध्यापकों की हाजिरी सही प्रकार से कैसे लगेगी। यह स्थिति मूल्यांकन कार्य खत्म करने के बाद शाम पांच बजे के बाद भी रहेगी।
इससे बेवजह का दबाव बनेगा :
प्राध्यापकों के संगठन हसला के प्रधान सतनारायण ने बताया कि विभाग का यह फैसला न्याय संगत नहीं है, क्योंकि इससे प्राध्यापकों पर एक गलत तरीके का दबाव बनेगा। प्राध्यापकों को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक बैठना ही होगा, जबकि प्राध्यापक वर्ग का कार्य महज कॉपी जांचना है। काफी प्राध्यापक दूर से भी आते हैं। अभी प्राध्यापक कॉपी जांचने का कार्य ईमानदारी से कर रहे हैं, लेकिन विभाग की इस व्यवस्था से उन्हें देर तक रुकना होगा। db
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