** पंजाब की तर्ज पर प्राथमिक शिक्षा और सेकेंडरी को मर्ज करने की तैयारी
** अफसरों ने ही बना डाला बीईईओ पद
** अधिकारियों को मिल सकती है पदोन्नति
चंडीगढ़ : प्रदेश में अधिकारियों ने ही ब्लाक इमोरल एजूकेशन ऑफिसर (बीईईओ) के पद बना डाले। ये प्रदेश में शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं हैं। ऐसे में राज्य शिक्षा मुख्यालय इन पदों को समाप्त करने पर विचार कर रहा है। इसके साथ विभागीय अधिकारियों को पदोन्नति का तोहफा देकर बीईओ (ब्लाक एजूकेशन आफिसर) पद पर बैठाने के लिए भी मंथन चल रहा है। एक अन्य अहम प्रस्ताव जिसमें पंजाब की तर्ज पर प्राथमिक शिक्षा और सेकेंडरी को र्मज कर दिया जाए इस पर भी विभाग विचार कर रहा है। जिसकी जिम्मेदारी डीजी एजूकेशन पर होगी, उनके नीचे एडीशनल डायरेक्टर के माध्यम से कामकाज लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि बीईईओ पद राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत नहीं है, दूसरी तरफ राज्य के अंदर काफी संख्या में प्रमोशन संबंधी मामले लटके हुए थे। जिन जिलों में बीईओ के पद खाली पड़े हुए हैं, इन्हें जल्द ही प्रमोशन के माध्यम से भरने की कवायद भी शुरू हो गई है। कामकाज देख रहे अधिकारियों में जिनकी प्रमोशन बनती है, देकर जिम्मेदारी दी जाएगी।
"कोई भी मामला लंबित नहीं रहेगा। शिक्षा विभाग में कोई काम मैनुअल न हो, इस पर भी जोर दिया जा रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने पर पूरी तरह फोकस रहेगा। किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी"-- केसनी आनंद अरोड़ा, वित्तायुक्त, शिक्षा विभाग
बीस बीईओ पद खाली
21 जिलों में करीब 20 बीईओ के पद खाली पड़े हुए हैं। ऐसे में इन पदों पर बीईईओ को रखा जा सकता है। बिना किसी प्रमोशन के कामकाज देखने वालों की छुट्टी भी तय मानी जा रही है। प्राइमरी और सेकेंडरी शिक्षा को र्मज करने के प्रस्ताव पर मंथन किया जा रहा है।
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