** आफिसों में जमे शिक्षकों पर भी नजर
चंडीगढ़ : मनोहरलाल सरकार जेबीटी शिक्षकों पर मेहरबान दिखायी दे रही है, इसीलिए राज्य के सभी जिलों में एक साथ रिकार्ड 1588 जेबीटी शिक्षकों के तबादले कर दिये गए हैं। बरसों से जेबीटी शिक्षक नेताओं द्वारा इस तरह की मांग की जा रही थी। पिछले पांच छह साल से उक्त मांग आश्वासनों के भरोसे चल रही थी। इसी तरह से राज्य सरकार ने हाई कोर्ट से राहत मिलने के साथ ही गत कईं माह से नवचयनित जेबीटी शिक्षकों की वायनिंग की प्रक्रिया को भी तेज करने के निर्देश जारी कर दिये हैं।
भरोसेमंद उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि उक्त मांग पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में भी की जा रही थी। कईं बार जेबीटी शिक्षकों ने ज्ञापन भी दिये थे। उन्हें आश्वासनों के अलावा कुछ भी नहीं मिला था। 2011 से पहले कुछ तबादले हुए भी थे, उसके बाद में इस तरह के व्यापक तबादले नहीं किये गए। राज्य के विभिन्न जिलों में नौकरी करने वाले जेबीटी शिक्षक अपने अपने गृह जिलों में जाने की इच्छा रखते थे। वर्तमान सरकार ने पहली बार बरसों पुरानी मांग को पूरा करते हुए 1588 तबादलों की सूची जारी कर दी है। जेबीटी शिक्षक नेता इसका स्वागत कर रहे हैं। सरकार और अफसरों का मानना है कि जेबीटी शिक्षकों के इन तबादलों के बाद में शिक्षा में सुधार व बेहतर परिणाम सामने आएंगे। बताया गया है कि काफी संख्या में चंडीगढ़ और आसपास के जिलों में तैनात लोग अब कैथल, फरीदाबाद, झज्जर, महेंद्रगढ़ जैसे अपने गृह जिलों में वापसी कर सकेंगे। इसी तरह से मेवात जैसे जिलों में तैनात काफी लोगों को पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, पानीपत, करनाल अपने जिलों में लौटने का मौका मिल गया है। शिक्षक इस फैसले का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे ।
आफिसों में जमे शिक्षकों पर भी नजर
विभाग की प्रमुख केशनी आनंद अरोड़ा विभाग में पूरी तरह से सिस्टम को ऑनलाइन करने में जुटी हुई हैं। उनका कहना है कि फाइलों को दबाने और कागजों को मैनुअली हैंडल करने के सिलसिले पर पूर तरह से रोक होनी चाहिए। इससे करप्शन पर रोक लगेगी इसके साथ ही कामकाज स्पीड से होगा। उनका कहना है कि विभाग में करप्शन पर जीरो टालरेंस का फार्मूला रहेगा साथ ही लापरवाही लोगों पर कार्रवाई होगी। hb
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