सिरसा : शिक्षा विभाग ने राजकीय स्कूलों में ऑनलाइन एडमिशन करने के लिए
निर्देश दिए हुए हैं। वहीं विभाग सभी विद्यार्थियों के एडमिशन ऑनलाइन करने
के दावे भी कर रहा है। मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जिले के 560 राजकीय
प्राथमिक स्कूलों व 123 राजकीय मिडल स्कूलों में इंटरनेट की व्यवस्था तो
कोसो दूर कंप्यूटर भी नहीं है। ऐसे में अध्यापकों के लिए ऑनलाइन एडमिशन
करना गले की फांस भी बना है। जिसके चलते अध्यापक बाजारों में दुकानों पर
पहुंच दाखिले ऑनलाइन करवा रहे हैं।
पहले एडमिशन, फिर करेंगे ऑनलाइन
राजकीय
स्कूलों में प्रवेश उत्सव के तहत पहली से बारहवीं कक्षा तक एडमिशन किए जा
रहे हैं। शिक्षा विभाग ने स्कूलों में अधिक से अधिक विद्यार्थियों के
एडमिशन करने के लिए स्कूल इंचाजरे को निर्देश दिए हैं। वहीं इसके लिऐ
प्रचार प्रसार करने के लिए भी कहा गया है।
स्कूल में जिस भी विद्यार्थी का
एडमिशन होगा। इसके साथ विद्यार्थी का एडमिशन ऑनलाइन करने के निर्देश दिए
हैं। मगर स्कूलों में कंप्यूटर व इंटरनेट की व्यवस्था नहीं होने से ऐसा
नहीं किया जा रहा है। स्कूलों में नौवीं से बारहवीं कक्षा तक व्यवस्था है।
वहां पर ऑनलाइन करने में समस्या आ रही है।
इस संदर्भ में पत्र लिखा गया
है
जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश शर्मा ने कहा कि स्कूलों में कंप्यटर व
इंटरनेट व्यवस्था करवाने के लिए पत्र लिखा हुआ है। वहीं अधिकारियों को
मीटिंग में भी अवगत कराया हुआ है। जल्द ही होने की उम्मीद है। अभी तक कितने
एडमिशन ऑनलाइन हुए है। इसका पता नहीं चल पाया है।
अध्यापक जेब से उठा रहे ऑनलाइन का खर्च
राजकीय प्राथमिक स्कूलों व
राजकीय मिडल स्कूलों में इंटरनेट व कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं होने से
अध्यापक जेब से पैसे खर्च कर बाजारों में निजी दुकानों पर ऑनलाइन एडमिशन
करवा रहे हैं। इसके लिए अध्यापक स्कूल टाईम में एडमिशन करते हैं। इसके बाद
शाम को ऑनलाइन एडमिशन करवाते हैं। जिससे अध्यापकों में रोष भी है।
नहीं है
कोई व्यवस्था
राजकीय अध्यापक संघ के जिला उपप्रधान सुनील यादव ने कहा कि
राजकीय स्कूलों में इंटरनेट तो कंप्यूटर ही नहीं है। ऐसे अध्यापक बाजारों
में जाकर ऑनलाइन एडमिशन कर रहे हैं। इसके लिए कोई बजट नहीं, बस शिक्षा
विभाग के निर्देश हैं। शिक्षा विभाग को ऑनलाइन एडमिशन करवाने थे तो इसके
लिए पहले व्यवस्था करवानी थी। dj
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