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Saturday, 2 April 2016

निजी स्कूलों ने बंद किए गरीब बच्चों के लिए दरवाजे

चंडीगढ़ : हरियाणा में नया शैक्षक्षिक सत्र आरंभ होने के साथ ही गरीब बच्चों के दाखिलों की जद्दोजहद शुरू हो गई है। इन छात्रों की फीस की भरपाई सरकार की ओर से नहीं करने से नाराज निजी स्कूलों ने अपने यहां सीटें खाली नहीं होने का फंडा खोज निकाला है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विश्वास में लेकर उन्होंने गरीब बच्चों के लिए अपने दरवाजे लगभग बंद कर दिए। 
शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत पहली कक्षा में 25 फीसद सीटों पर तथा हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली की धारा 134-ए के तहत कक्षा 2 से 12 तक के लिए 10 प्रतिशत सीटों पर मुफ्त दाखिलों का प्रावधान किया गया है। शिक्षा विभाग दाखिलों का शेड्यूल जारी कर चुका है। पहली कक्षा के लिए 22 से 31 मार्च तक दाखिलों के आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 
कक्षा 2 से 12 तक के लिए 8 अप्रैल तक आवेदन लिए जाएंगे। अभिभावकों को फार्म भरकर ब्लाक शिक्षा अधिकारी अथवा जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा कराने को कहा गया है। ऑनलाइन आवेदन का भी प्रावधान है, लेकिन दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा की मानें तो पिछले चार दिनों से ऑनलाइन आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। 
राज्य में करीब 4800 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें 28 लाख बच्चे पढ़ते हैं। इनकी 10 प्रतिशत सीटों पर 2 लाख 80 हजार गरीब बच्चों का हक है, जो उन्हें नहीं मिल पा रहा है। 1हाईकोर्ट ने दो लाख रुपये तक की आय वाले अभिभावक को गरीब माना है। 70 फीसद निजी स्कूलों ने गरीब बच्चों को दाखिले देने से बचने के लिए अपने यहां सीटें भरी हुई दिखा दी हैं।
"सरकार हमारी मदद नहीं कर रही है। निजी स्कूल अपने लिए नहीं बल्कि गरीब बच्चे की सहायता के लिए ही सरकार से अनुदान का आग्रह कर रहे हैं। नहीं चाहते कि अनुदान राशि हमें दी जाए बल्कि यह सीधे बच्चे को दी जा सकती है। कुछ बच्चों को मुफ्त पढ़ाने की वजह से इसका बोझ बाकी दूसरे बच्चों पर नहीं डाला जा सकता"-- कुलभूषण शर्मा, अध्यक्ष, प्राइवेट स्कूल फेडरेशन
"हमारी सरकार गरीब बच्चों को दाखिले देने के पक्ष में है। हमने पूरा शेड्यूल जारी कर दिया है। दाखिलों की प्रक्रिया चालू हो चुकी है।"-- प्रो. रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री, हरियाणा
"शिक्षा विभाग के अधिकारियों व निजी स्कूलों की मिलीभगत से गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त पढ़ने का अधिकार लागू नहीं किया जा रहा है। ऑनलाइन दाखिलों का सिस्टम बंद कर दिया गया। हजारों स्कूलों ने अपने यहां सीटें फु ल दिखा दी। आयोग बनाकर अथवा सीबीआइ से जांच कराई जानी चाहिए।"-- सत्यवीर सिंह हुड्डा, संयोजक दो जमा पांच मुद्दे जन आंदोलन                                                                 dj 

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