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Saturday, 9 April 2016

हेडमास्टरों को प्रमोशन जल्द, लेक्चर्स भी पदोन्नत होंगे

** मुख्यमंत्री की घुड़की के बाद लिस्ट तैयार करने में जुटा विभाग
** पंद्रह दिन में निपटारा करने के निर्देश
** लेक्चर्स भी पदोन्नत होंगे
चंडीगढ़ : प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल द्वारा शिक्षा विभाग में प्रमोशन के लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के साफ निर्देशों के बाद राज्य के शिक्षा मुख्यालय में हलचल तेज हो चुकी है। शिक्षा सदन में पदोन्नति के मामलों के निपटारे के लिए टीम रात दिन काम करने में जुटी हुई है, जल्द ही 443 लेक्चर्स और हेडमास्टरों को प्रमोशन मिलने जा रही है। साथ ही राज्य के जिलों में बीईओ और डीईओ के खाली पड़े पदों को पदोन्नति करने के बाद में भरने की कवायद भी तेज हो चुकी है।
लेक्चर्स भी पदोन्नत होंगे 
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि बाकी सभी विषयों में तो विभाग पहली सूची भी जारी कर चुका था लेकिन अब संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी के शिक्षकों की पदोन्नति की बारी है। टीम इन विषयों को लेकर गंभीरता से काम कर रही है। 
पंद्रह दिन में निपटारा करने के निर्देश
भरोसेमंद उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि शिक्षा मुख्यालय में लंबे अर्से से पदोन्नति के मामलों को लटकाए जाने की शिकायत राज्य के सीएम के पास पहुंची थी। जिसके बाद में सीएम और शिक्षा मंत्री ने जिन लोगों का भी जायज हक बनता है, सभी को पदोन्नति जल्द से जल्द दे दिये जाने के निर्देश दिये थे। जिसके बाद में एसीएस केशनी आनंद अरोड़ा ने भी इस पर अपना फोकस कर लिया है, उन्होंने पंचकूला में पहुंचकर इस कामकाज पर खुद ही मानीटरिंग की शुरुआत भी की है। जल्द ही राज्य के 443 हैडमास्टरों और लैक्चर्स को पदोन्नति मिलने जा रही है, जिसके लिए कामकाज लगभग फाइनल दौर में पहुंच गया है। सीएम के निर्देशों अनुसार आने वाले पंद्रह दिनों में इनका निपटारा होना तय है। इसीलिए रिकार्ड मांगा जा रहा है, साथ ही जिन लोगों के प्रमोशन के मामले लंबित है, उन्हें भी एसीआर आदि सभी साक्ष्य जल्द से जल्द जमा कराने के लिए कहा गया है।
प्रमोशन का एक भी मामला लंबित नहीं रहेगा 
शिक्षा विभाग की एसीएस केशनी आनंद अरोड़ा का कहना है कि विभाग में अब कोशिश की जा रही है कि प्रमोशन का एक भी मामला लंबित नहीं रहे। इसके लिए भी अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इसके साथ ही अन्य लंबित मामलों को भी देखा जा रहा है। कामकाज को ऑनलाइन करने के साथ ही समय व व्यर्थ में खर्च होने वाले धन पर रोक लगाने के प्रयास भी किये जा रहे हैं।                                                     hb 

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