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Friday, 5 August 2016

शिक्षकों की पदोन्नति की राह में रोड़ा

** अध्यापकों की तरक्की के लिए शिक्षा विभाग अपना रहा दोहरी नीति
जींद : शिक्षा विभाग की ओर से पदोन्नति में बरती जा रही अनियमितता से शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग ने इतिहास विषय के उन अध्यापकों को जिन्होंने प्राचीन भारत का इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विषय में एमए इतिहास किया है, उनकी तरक्की रोककर एमए इतिहास के दो अन्य वर्जन (विषय) वाले शिक्षक को पदोन्नति दे दी।
विभाग ने लगभग दो साल पहले टीजीटी से पीजीटी के पद पर पदोन्नति के लिए इतिहास के विभिन्न विकल्पों के लिए आवेदन मांगे थे। ऐसे में इतिहास विषय के तीनों विकल्पों आधुनिक इतिहास, मध्यकालीन इतिहास तथा प्राचीन भारत का इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व वाले शिक्षकों ने आवेदन कर दिया, लेकिन विभाग ने लगभग एक साल के अंदर आधुनिक इतिहास तथा मध्यकालीन इतिहास विकल्प चयनित करने वाले शिक्षकों को पीजीटी के पद पर पदोन्नति कर सूची जारी कर दी और प्राचीन भारत का इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विकल्प वाले शिक्षकों को मई 2015 में ही पदोन्नति से वंचित कर दिया। लगभग एक साल से सैकड़ों शिक्षक कभी जिला शिक्षा विभाग के कार्यालयों तो कभी निदेशालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
जूनियर को पदोन्नति, सीनियर कर रहे इंतजार
बताया जा रहा है कि आधुनिक व मध्यकालीन इतिहास वाले कई जूनियर शिक्षक सीनियोरिटी में आने पर पदोन्नत हो चुके हैं जबकि प्राचीन भारत का इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व वाले कई शिक्षक सीनियर होते हुए भी पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं।
हाईकोर्ट में भी जाने की तैयारी
पदोन्नति से वंचित कई शिक्षकों ने बताया कि यदि जल्द ही विभाग ने इस बारे में कोई राह नहीं दिखाई तो वे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का रुख करेंगे। इससे पहले पदोन्नति से वंचित शिक्षकों की बैठक की जाएगी।
मामला निदेशालय से संबंधित : डीईओ
जिला शिक्षा अधिकारी वंदना गुप्ता ने बताया कि पदोन्नति से संबंधित मामले निदेशालय देखता है। जब भी निदेशालय से पदोन्नति के केस मांगे जाते हैं तो वह भेज दिए जाते हैं। आगे की कार्रवाई करना उनका काम है। इस बारे में भी निदेशालय के अधिकारी ही कुछ बता सकते हैं।                                                   dj

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