सीवन : शिक्षा विभाग की नीतियों तथा लाल फीता शाही व नित नए तुगलकी फरमानों से परीक्षा परिणाम खराब हो रहे हैं। स्कूल के अध्यापक, अतिथि अध्यापक, अध्यापक पात्रता पास युवक, साक्षात्कार दे चुके प्राध्यापक सभी परेशान है। अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुल भूषण शर्मा ने कहा कि जबरदस्ती सेमेस्टर प्रणाली का थोपे जाना, अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य भवन निर्माण, वोट बनाना, जन गणना, मिड डे मील, अनावश्यक डाक, नित नए सर्वे, रेशनेलाइजेशन, आठवीं का बोर्ड समाप्त करना, आठवीं कक्षा तक बच्चों का फेल न करना, अतिथि अध्यापकों का पिछले सात साल से सेवा लेने के बाद उन्हें नियमित न करना, बेरोजगार युवकों के साथ भद्दा मजाक हो रहा है। प्राध्यापक का साक्षात्कार दे चुके अध्यापकों का परिणाम तक घोषित न करना शामिल है। 29 दिन से रोहतक में गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे अतिथि अध्यापकों की बात सरकार द्वारा न सुनी जाना। अश्यापकों का रक्त से लिखे पत्र का असर न होना, शिक्षा मंत्री द्वारा विधान सभा में विपक्ष के नेताओं का सुझाव तक न सुने जाना, एक साल तक अटकी फाइलों का निपटारा न किए जाना।.......dj
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Tuesday, 10 September 2013
विभाग के तुगलकी फरमानों से शिक्षा का स्तर गिरा
सीवन : शिक्षा विभाग की नीतियों तथा लाल फीता शाही व नित नए तुगलकी फरमानों से परीक्षा परिणाम खराब हो रहे हैं। स्कूल के अध्यापक, अतिथि अध्यापक, अध्यापक पात्रता पास युवक, साक्षात्कार दे चुके प्राध्यापक सभी परेशान है। अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुल भूषण शर्मा ने कहा कि जबरदस्ती सेमेस्टर प्रणाली का थोपे जाना, अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य भवन निर्माण, वोट बनाना, जन गणना, मिड डे मील, अनावश्यक डाक, नित नए सर्वे, रेशनेलाइजेशन, आठवीं का बोर्ड समाप्त करना, आठवीं कक्षा तक बच्चों का फेल न करना, अतिथि अध्यापकों का पिछले सात साल से सेवा लेने के बाद उन्हें नियमित न करना, बेरोजगार युवकों के साथ भद्दा मजाक हो रहा है। प्राध्यापक का साक्षात्कार दे चुके अध्यापकों का परिणाम तक घोषित न करना शामिल है। 29 दिन से रोहतक में गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे अतिथि अध्यापकों की बात सरकार द्वारा न सुनी जाना। अश्यापकों का रक्त से लिखे पत्र का असर न होना, शिक्षा मंत्री द्वारा विधान सभा में विपक्ष के नेताओं का सुझाव तक न सुने जाना, एक साल तक अटकी फाइलों का निपटारा न किए जाना।.......dj
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