** हाईकोर्ट ने कहा- शैक्षणिक रिकार्ड खराब थे, महज मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति देना अनुचित
चंडीगढ़ : पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने 1983 फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर्स (पीटीआई) की भर्ती रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को बरकरार रखा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस सुरेंद्र गुप्ता की पीठ ने मामले से जुड़ी दो याचिकाओं पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के विरुद्ध 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। एकल बेंच के फैसले को खारिज करने की अपील करने वाले याचिका कत्र्ताओं पर भी 10-10 हजार रुपए का जुर्माना किया है। याचिकाकर्ताओं की संख्या 90 से अधिक है। नियुक्तियां भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने ही की थी। कोर्ट ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग को नियुक्ति खारिज होने के बाद की रिक्तियों को सही तरीके से पांच माह के भीतर भरने को कहा है।
फैसला सुनाते हुए खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि सैकड़ों चयनित उम्मीदवारों का शैक्षिक रिकार्ड बेहद खराब है। ऐसे में महज मौखिक परीक्षा के आधार पर नियुक्ति कर ली गई। ऐसी नियुक्ति को सही नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने कहा, यह महज संयोग नहीं हो सकता कि 90 फीसदी मेधावी उम्मीदवार मौखिक परीक्षा में बुरी तरह असफल रहे। उन्हें 30 में से 10 नंबर भी नहीं आए। बेंच ने कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन की भूमिका पर भी सवाल उठाया। फैसले में कहा गया कि यह भर्ती का बेहद खराब तरीका था। उम्मीदवारों के चयन और नियुक्ति में जल्दबाजी को लेकर भी कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। सोनीपत निवासी विजय कुमार और अन्य पीटीआई की तरफ से एकल बेंच के फैसले को चुनौती दी गई थी।
इंटरव्यू के लिए शर्तें भी बदल दी थीं
सरकार ने इस प्रक्रिया में किस तरह हेराफेरी की, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भर्ती की शर्तें ही बदल दी गईं।
इसमें इंटरव्यू के लिए तय 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया। भर्ती को चुनौती देने वालों ने आरटीआई के तहत मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा, 14 ऐसे उम्मीदवारों को इंटरव्यू में ज्यादा अंक दिए गए जिनकी शैक्षिक योग्यता कम थी।
इंटरव्यू के लिए शर्तें भी बदल दी थीं
सरकार ने इस प्रक्रिया में किस तरह हेराफेरी की, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भर्ती की शर्तें ही बदल दी गईं।
इसमें इंटरव्यू के लिए तय 25 अंक को बदलकर 30 कर दिया गया। भर्ती को चुनौती देने वालों ने आरटीआई के तहत मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा, 14 ऐसे उम्मीदवारों को इंटरव्यू में ज्यादा अंक दिए गए जिनकी शैक्षिक योग्यता कम थी।
यह होगा असर :
पीटीआई के जिम्मे स्कूलों में अनुशासन बनाए रखना और शारीरिक शिक्षा देने का काम है। लगभग हर स्कूल में एक पीटीआई का एक पद है। इस हिसाब से 1,983 स्कूलों में यह पद रिक्त हो जाएगा। यदि नई भर्ती की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए, तो भी छह महीने में पद भरे जा सकेंगे।
पीटीआई के जिम्मे स्कूलों में अनुशासन बनाए रखना और शारीरिक शिक्षा देने का काम है। लगभग हर स्कूल में एक पीटीआई का एक पद है। इस हिसाब से 1,983 स्कूलों में यह पद रिक्त हो जाएगा। यदि नई भर्ती की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए, तो भी छह महीने में पद भरे जा सकेंगे।
सात साल पहले शुरू हुई थी प्रक्रिया
- 20 जुलाई 2006 हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पीटीआई के 1983 पदों के लिए आवेदन मांगा।
- 21 जनवरी 2007 लिखित परीक्षा का नोटिस। लेकिन भर्ती में धांधली की शिकायतें मिलने के नाम पर परीक्षा स्थगित।
- 20 जुलाई 2008 परीक्षा की तारीख रखी। इस बार प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया, परीक्षा फिर स्थगित।
- सितंबर-अक्टूबर 2008 पात्रता की शर्तें बदली। खाली पदों के 8 गुना उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया।
- 10 अप्रैल 2010 भर्ती के लिए सीधे परिणाम की घोषणा। db
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