सिरसा : सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों का गणित के प्रति रुझान बढ़े और वह आंकड़ों की बाजीगरी में माहिर बनें। इसी उद्देश्य से स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) ने एक नई पहल की है। इस नई पहल के अंतर्गत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जिला स्तर पर सर्वे कराया जा रहा है। इस सर्वे के जरिये गणित शिक्षकों का पढ़ाने का तरीका मालूम किया जाएगा।
इसी दौरान गणित अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वह बच्चों को सही तरीके से गणित पढ़ा सकें। एससीईआरटी के निर्देशों के तहत सर्वे प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
ये होगी सर्वे की प्रक्रिया
एससीईआरटी की ओर से चयनित टीम में प्रत्येक जिले के गणित विशेषज्ञ व डाइट विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। यह टीम स्कूलों में जाकर यह जांच करेगी कि शिक्षक बच्चों को किस तरह से गणित पढ़ा रहे हैं। बच्चों को किस हद तक वह समझ में आ रहा है।
यदि किसी बच्चे को समझ में नहीं आ रहा है, तो उसे समझाने का क्या तरीका अपनाया जाता है। कितनी कक्षाएं लगती हैं। बच्चों की कॉपियां रेगुलर चेक होती है या नहीं। कॉपी में गलतियों को कैसे ठीक किया जाता है। गणित को पढ़ाने के लिए प्रेक्टिकल तरीका अपनाया जाता है या नहीं। प्रिंसिपल का क्या रोल रहता है। प्रिंसिपल बच्चों की कॉपियां नियमित चेक कराता है या नहीं। वह कक्षाओं में जाकर शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका चेक करता है या नहीं। टीम इन प्वाइंट्स को ध्यान में रखकर अपनी सर्वे रिपोर्ट तैयार करेगी और रिपोर्ट को एससीईआरटी को सौंपेगी। इस रिपोर्ट की सिफारिश पर ही एसईआरटी भविष्य में गणित विषय में सुझावों को अमल में लाएगी।
एससीईआरटी के मुताबिक सरकारी स्कूलों के बच्चे ज्यादातर गणित विषय में कमजोर होते हैं। यही नहीं बच्चे गणित का नाम सुनकर ही घबरा जाते हैं। एससीईआरटी का कहना है कि इसमें बच्चों की गलती नहीं है, बल्कि शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका ही सही नहीं है। शिक्षक रोचक तरीके से पढ़ाएं तो बच्चों का रुझान इसके प्रति बढ़ेगा। db
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