** मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने प्रेरकों से बीएलओ ड्यूटी लेने के दिए हुए हैं आदेश
जुलाना : मौलिक शिक्षा विभाग महानिदेशक के आदेश इन दिनों हवा में उड़ रहे हैं। उनके आदेशों के बावजूद प्रदेश भर में प्राथमिक शिक्षकों से ही बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) की ड्यूटी ली जा रही है। हालांकि इसको लेकर शिक्षक अभी भी खामोश हैं, लेकिन इससे आरटीई कानून का उल्लंघन हो रहा है और साथ ही बच्चों की पढ़ाई में भी बाधा आ रही है।
16 सितंबर को दिए थे आदेश
बता दें कि महानिदेशक मौलिक शिक्षा विभाग ने 16 सितंबर को प्रदेश के सभी डीसी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज कर निर्देश दिए थे कि भविष्य में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों से बीएलओ की ड्यूटी न ली जाए। उनके स्थान पर गांव में साक्षरता मिशन के तहत नियुक्त किए प्रेरकों से यह ड्यूटी ली जाए, लेकिन इन आदेशों के बाद भी प्रदेश भर में शिक्षकों से बीएलओ की ड्यूटी ली जा रही है।
शिक्षकों से बीएलओ की ड्यूटी लेने के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इन दिनों वोट बनाने के चल रहे अभियान के बीएलओ ड्यूटी में लगे शिक्षकों को काफी समय इस कार्य में देना पड़ रहा है। इसके कारण विद्यार्थियों की नियमित कक्षा ले पाना काफी मुश्किल है। आरटीई के तहत प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में एक शिक्षक के लिए 200 दिन प्राइमरी कक्षाएं व इससे ऊपर की कक्षाओं को 220 दिन पढ़ाना जरूरी है। आरटीई को सुचारू रूप से लागू करने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी सभी प्रदेश सरकारों को आदेश कर शिक्षकों बीएलओ या अन्य किसी चुनावी ड्यूटी से मुक्त रखने के आदेश दिए हुए हैं।
"मौलिक शिक्षा महानिदेशक के इस संबंध में आदेश हैं कि कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षकों से बीएलओ की ड्यूटी न ली जाए। बावजूद इसके शिक्षकों से बीएलओ ड्यूटी ली जा रही है। विभाग व प्रशासन को इस बारे में कार्रवाई करनी चाहिए।"-- महेंद्र सिंह फौगाट, प्रधान विद्यालय अध्यापक संघ खंड जुलाना।
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