** बोर्ड के आदेश से परेशानी,स्कूलों में सुविधाएं नहीं, अगले सप्ताह से 9वीं और 11वीं के भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की तैयारी
रेवाड़ी : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की ओर से अब 9वीं और11वीं कक्षा के भी विद्यार्थियों का पंजीकरण ऑनलाइन किया जाएगा। इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं लेकिन स्कूलों में सुविधाएं नहीं के बराबर हैं। संसाधनों की घोर कमी के बीच अगले सप्ताह से ऑनलाइन पंजीकरण के आदेश से विद्यालय प्रबंधनों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का कंप्यूटर ज्ञान अभी कमजोर है। ऐसे में उन्हें निजी तौर पर साइबर कैफे का सहारा लेना पड़ता है।
अगले सप्ताह से 9वीं और 11वीं का भी ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो जाएगा। इससे पहले बोर्ड ने 10वीं और 12वीं कक्षा के भी पंजीकरण ऑनलाइन किए थे। इससे पहले स्कूल मुखिया अपने स्कूल के विद्यार्थियों का विवरण फाइल तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के माध्यम से बोर्ड को भेजते थे। नई व्यवस्था से इन्हें शिक्षा विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटने की चिंता से मुक्ति मिल जाएगी। जल्द ही रजिस्ट्रेशन के लिए कार्यक्रम जारी होने वाले हैं।
दसवीं के पंजीकरण से सीख नहीं
बोर्ड की ओर से पहली बार दसवीं और 12वीं कक्षा का भी इसी शैक्षणिक सत्र से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराई थी। इसमें आवेदन के दौरान कई खामियां रहने से शिक्षकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसमें एक बार विद्यार्थी का विवरण भरने के बाद उसमें गलती से भरे गए कॉलम को हटाने की सुविधा नहीं थी। जांच के लिए भेजी फाइल में दुरुस्त कराने के बाद ही स्थिति संभली थी।
नई व्यवस्था को पटरी पर आने में समय लगेगा : महेंद्र
"सभी स्कूलों में कंप्यूटर और ऑनलाइन की सुविधा है। दसवीं और 12वीं का पंजीकरण भी तो ऑनलाइन ही हुआ था। नई योजना की शुरुआत में कुछ दिक्कतें आती ही हैं। इनको सुधारते हुए 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। आईटी सेक्शन को स्कूलों के कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। एक सप्ताह के अंदर पंजीकरण कराने संबंधी दिशा निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। इसके अनुरूप ही स्कूलों को अपने यहां के विद्यार्थियों का विवरण भेजना होगा।"--महेंद्र पाल सिंह, संयुक्त सचिव, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी।
जिले के अधिकांश स्कूलों में ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था नहीं
भले बोर्ड ने नई व्यवस्था में सुधार करते हुए कार्यालयों तक चक्कर काटने की चिंता से निजात दिलाने का प्रयास किया हो लेकिन आज भी सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर व्यवस्था के साथ सभी इंटरनेट की सुविधा नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में ज्यादा दिक्कतें हैं। इसमें एक तो नियमित बिजली सप्लाई नहीं होती वहीं इंटरनेट की सुविधा शहर की तरह नहीं मिल पाती। ऐसे में उन्हें निजी साइबर कैफे का सहारा लेना पड़ता है। इससे न केवल स्कूल की गोपनीयता लीक होती है बल्कि पूरा दिन उन शिक्षकों को केवल इसी काम में व्यस्त होना पड़ता है। db
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