झज्जर : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी की दस जमा दो की परीक्षाओं के बाद उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं किए जाने को शिक्षा मंत्री ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए। सरकार का हर संभव प्रयास रहता है कि वह सभी वर्गों के लिए कार्य करे और उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराए।
प्रदेश भर में दस जमा दो की परीक्षाएं संपन्न होने के साथ ही सात नवंबर से होने वाली मार्किंग शुक्रवार को भी आरंभ नहीं हो सकी। सात नवंबर को प्राध्यापकों के ग्रेड पे और अन्य मांगों पर बहिष्कार के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के बैग बंद पड़े हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों का नैतिक दायित्व है कि वे विद्यार्थियों से जुड़े कार्य समय पर करें। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी संगठन से बातचीत को सदैव तैयार रहती है। प्राध्यापकों के मामले में तो सरकार ने पहले भी उनकी मांगें मानीं हैं और कई मांगों पर तो सीएम से अप्रूवल भी हो चुकी है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बच्चों को पढ़ाने के नाम पर शिक्षक संगठन राजनीति करते हैं। हर बार परीक्षा के समय इस तरह का व्यवहार करना और इस तरह से बहिष्कार दुखद है। au
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