सोनीपत स्थित बीपीएस मेडिकल कालेज में डेढ़ साल पहले हुई रिकॉर्ड क्लर्क की भर्ती हुई। भर्ती प्रक्रिया में जिन लोगों को नहीं लिया गया उनमें से कई ऐसे हैं जिन्होंने रिटन टेस्ट और इंटरव्यू में सबसे ज्यादा नंबर लिए लेकिन नियुक्ति उनसे कम नंबर वालों की हो गई। हुआ यूं था कि बीपीएस गवर्नमेंट मेडिकल कालेज फॉर वूमन खानपुर (सोनीपत) में 2012 में जनरल के 5, एससी के 3 तथा बीसीए कैटेगरी के 2 पदों पर ब्लड बैंक के रिकॉर्ड क्लर्क की भर्ती हुई थी। इसमें शैक्षणिक योग्यता बाहरवीं निर्धारित थी। रोल नंबर जारी होने के बाद 16 सितंबर 2012 को क्वालीफाइंग टेस्ट की तिथि तय हुई, जिसकी सूचना 31 अगस्त 2012 को जारी कर दी गई। 24 दिसंबर को क्वालीफाइंग टेस्ट का रिजल्ट आउट करते हुए 20 फरवरी 2013 को आवेदकों का साक्षात्कार लिया गया।
रोहतक के गांव सैंपल निवासी प्रवीण और उसकी बहन सीमा ने भी बीसीए कैटेगरी के तहत उक्त भर्ती में आवेदन किया था। क्वालीफाइंग टेस्ट और इंटरव्यू में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन भी बेहतर रहा। इंटरव्यू परिणाम में भाई बहन में से किसी का भी नाम न होने पर प्रवीण ने भर्ती प्रक्रिया जानने के लिए कई बार मेडिकल कालेज के अधिकारियों से आरटीआई की मदद से जानकारी मांगी। एक के बाद एक 6 आरटीआई लगाने पर उन्हें जो सूचना मिली है वह इस प्रकार है।
भर्ती की शर्तों का आवेदन फार्म में नहीं था जिक्र
निदेशक ने बताया कि प्री मेरिट के 75 प्रतिशत अंकों में 50 प्रतिशत माक्र्स घ्लस टू की मेरिट के तथा शेष इससे उच्च शैक्षिक योग्यता के माक्र्स जोड़े गए हैं। भर्ती प्रक्रिया सरकार तथा उच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत अपनायी गई है। वहीं आवेदकों को कहना है कि फार्म भरते वक्त सारी शर्तें दी जाती हैं। फार्म पर हायर एजुकेशन को वरीयता देने संबंधी कोई नोटिस नहीं था। अगर बीए या पीएचडी ही भर्ती करने थे तो शैक्षिक योग्यता प्लस टू क्यों मांगी गई।
सुनने को कोई तैयार नहीं, जाऊंगा कोर्ट
प्रवीण ने बताया कि आरटीआई के तहत मिली जानकारी का हवाला देते हुए मेडिकल कालेज से सभी अधिकारियों के यहां चक्कर लगा लगाकर थक चुका हूं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब देने को तैयार नहीं है। निदेशक बिना रिकॉर्ड देखे ही कहते हैं कि तुम्हारे नंबर औरों से कम आए होंगे। मामले को कोर्ट में ले जाकर न्याय की गुहार लगाऊंगा। dbrtk
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