नयी दिल्ली : भारत को इस साल जून तक वॉशिंगटन संधि की पूर्णकालिक सदस्यता मिलने की संभावना है। वॉशिंगटन संधि की पूर्णकालिक सदस्यता मिलने से भारतीय डिग्रियों को वैश्विक मान्यता मिल सकेगी और छात्रों एवं इंजीनियरों को दूसरे देशों में रोजगार मिलने की संभावनाएं बढ़ेंगी।
केंद्रीय उच्च शिक्षा सचिव अशोक ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय मान्यता विनियामक प्राधिकरण (नारा) की स्थापना के लिए कदम उठाए जा रहे हैं ताकि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मानकों में सुधार के भारत के प्रयास सफल हों।
ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘वॉशिंगटन संधि की पूर्ण सदस्यता प्राप्त कर लेने के बाद अन्य देशों में भारतीय इंजीनियरों के रोजगार पाने की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। इससे हमारे छात्रों को तकनीकी शिक्षा हासिल करने में मदद मिलेगी।’ साल 2007 से भारत वॉशिंगटन संधि का अस्थायी सदस्य है। dt
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