शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाने के लिए कमर कस ली है। विभाग का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा बच्चों को दाखिला देना है। खासकर उन बच्चों को जो ‘शिक्षा का अधिकार’ से वंचित हैं या फिर पारिवारिक और आर्थिक कारणों से स्कूल पढ़ने के लिए नहीं जा सके हैं। इसलिए स्कूलों में प्रवेश उत्सव एक नहीं बल्कि दो चरण 23 और 29 मार्च को मनाया जाएगा। इस दौरान वर्ष 2013-14 शैक्षणिक कार्यो और सरकारी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। साथ ही खामियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। पहले चरण का प्रवेश उत्सव 23 मार्च को सभी सरकारी स्कूलों में मनाया जाएगा। इस दिन पहली, दूसरी, सातवीं, आठवीं, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में दाखिला दिया जाएगा। दूसरे चरण का प्रवेश उत्सव 29 मार्च को मनाया जाएगा। इस दौरान तीसरी, चौथी, पांचवीं और छठी कक्षा में विद्यार्थियों को दाखिला दिया जाएगा। प्रवेश उत्सवों के दिनों में गत वर्ष शैक्षणिक कार्यो का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने के साथ सरकारी योजनाओं की समीक्षा भी की जाएगी। पिछले सत्र में आई खामियों की पड़ताल कर उसे दूर किया जाएगा।
प्रवेश के साथ किताब भी
स्कूलों में प्रवेश के साथ ही विद्यार्थियों को किताबें, नई ड्रेस और स्टेशनरी मुहैया करवा दी जाएगी। बता दें कि इसके बाद नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पूर्व ही 70 फीसदी स्कूलों में किताबें पहुंच गई है।
सोशल ऑडिट भी करेंगे
सरकारी स्कूलों की स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों में आंशिक परिवर्तन किया जाएगा। इसमें पांचवी में पढ़ने वाले बच्चे ने छठी कक्षा में दाखिला लिया है, उसके अभिभावक कमेटी के सदस्य हैं तो उन्हें बदला जाएगा। इसी तरह मिडिल, हाई और सीनियर सेकंडरी स्कूलों की कमेटियों में फेरबदल किया जाएगा।
तैयारियां पूरी हैं: डीईईओ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी बलजीत सहरावत ने बताया कि प्रवेश उत्सव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। दाखिले के वक्त बच्चों के किताबें, ड्रेस व स्टेशनरी मुहैया करवा दी जाएगी। djhsr
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