सरकारी स्कूलों में अशक्त बच्चों की देखभाल अब सामान्य शिक्षक (जनरल टीचर) भी कर सकेंगे। शिक्षकों को इसके लिए एक हफ्ते की ट्रेनिंग दी जाएगी। 31 मार्च से पहले ट्रेनिंग प्रक्रिया पूरी होगी। ट्रेनिंग की रिपोर्ट एसएसए निदेशालय भेजी जाएगी।
सर्वशिक्षा अभियान के तहत सामान्य शिक्षकों को सात दिन तक प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम तैयार किया गया है। प्रशिक्षण का मसौदा इस बार कुछ अलग होगा। अशक्त, मंदबुद्धि व कमजोर दृष्टि (लो विजन) के बच्चों को स्कूल में कैसे हैंडल करना है यह सब बात प्रशिक्षण में सिखाया जाएगा। अशक्त बच्चों को संवारने के लिए ही नहीं उनके अभिभावकों को भी शिक्षक इस बारे में जागरूक करेंगे। एसएसए निदेशालय से कैपेसिटी बिल्डिंग के तहत यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। ट्रेनिंग का मॉड्यूल मानव संसाधन विकास मंत्रलय की तरफ से उपलब्ध कराया जाएगा। 9 जिलों में 1190 सामान्य शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
रिसोर्स पर्सन देंगे ट्रेनिंग :
एसएसए निदेशालय से जारी पत्र (43999-44007/आइईडी/एसएसए) के मुताबिक जिला स्तर पर यह ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। एनजीओ, कॉलेज ऑफ एजुकेशन, विश्वविद्यालय के स्पेशल एजुकेशन डिपार्टमेंट व फ्रीलांसर जो अशक्तों को संवारने के क्षेत्र में कार्य किया हो को बतौर रिसोर्स पर्सन लगाया जाएगा। ट्रेनिंग सुबह नौ बजे से तीसरे पहर तीन बजे तक दी जाएगी।
एटीआर जमा कराएंगे :
ट्रेनिंग के लिए प्रत्येक जिले को 1,84,800 की राशि दी गई है। अंबाला व कैथल को 1,86,200 का बजट दिया गया। निदेशालय से एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) का फार्मेट भी जारी किया गया है।
ट्रेनिंग कार्य पूरा होने के बाद जिला परियोजना संयोजक इसी फार्मेट के आधार पर एटीआर जमा कराएंगे। एटीआर में लाभान्वितों की संख्या, रिसोर्स पर्सन के तौर पर स्पेशल टीचर का नाम, आउट सोर्स रिसोर्स पर्सन का नाम, एनजीओ का नाम तथा बजट खर्च का ब्यौरा होगा।
आइईडी टीचर नाम भिजवाएंगे :
आइईडी टीचरों को शिक्षकों का नाम भिजवाने की हिदायत दी गई है। प्रत्येक ब्लॉक से एक समान शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। शिक्षकों का नाम देने में देरी करने पर आइईडी टीचरों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। djpnpt
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