गुडग़ांव : कक्षा तीसरी और पांचवीं के मूल्यांकन के आदेशों को वापस लेने की मांग को लेकर हरियाणा राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने रैली निकाल कर लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी महिला व पुरुष शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी प्रेम लता को सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हरियाणा में सरकार व विभाग ने प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए, लेकिन इसके नतीजे सिफर रहे। हालांकि इसका मुख्य कारण प्राथमिक शिक्षा को लेकर स्पष्ट नीति का नहीं होना है।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान तरुण सुहाग ने बताया कि संघ तीसरी व पांचवीं कक्षा के मूल्यांकन के विरोध में नहीं है। बल्कि इसे लेकर जो नीति बनाई गई है, उसके विरोध में है। सबसे पहले तो इस प्रकार कोई मूल्यांकन करना था तो उसे वार्षिक कैलेंडर में डालना चाहिए था। सिर्फ 15 दिन के कम समय में यह आदेश सही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर की इस परीक्षा में स्कूल प्राध्यापकों को लगाना कितना तर्कसंगत है। शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार से इस पर दोबारा विचार करने की मांग की है। चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजबूरन शिक्षक संघ को मूल्यांकन का बहिष्कार करना पड़ेगा। इस मौके पर शिक्षक संघ के जिला महासचिव अशोक कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद थे।
क्या हैं शिक्षक संघ की प्रमुख मांगें
- कक्षा तीसरी व पांचवी के मूल्यांकन का समय छह महीने के लिए आगे बढ़ाया जाए।
- मूल्यांकन संबंधी सभी कार्यकलाप शिक्षा विभाग के वार्षिक कैलेंडर में जारी हों।
- मूल्यांकन में सभी जिम्मेदारियां प्राथमिक शिक्षकों की होनी चाहिए।
- मूल्यांकन के मोड्यूल को भी जारी किया जाना चाहिए। db
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