चरखी दादरी : हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12 तक के अनुसूचित, पिछड़ा और बीपीएल वर्ग के छात्र-छात्राओं की मासिक छात्रवृत्ति रोके जाने की कड़ी निंदा की है। संघ ने विभाग से मांग करते हुए इसे तुरंत जारी करने की बात कही है। विद्यालय अध्यापक संघ के सचिव माणिक लाल ने कहा कि इस वित्त वर्ष की छात्रवृत्ति के राशि बिलों पर अनावश्यक आपत्तियां लगा दी है जो सरासर इन गरीब वर्ग छात्रों के साथ अन्याय है।
हरियाणा में हजारों छात्र-छात्राओं की राशि रोक दी गई हे। इसे हर हालत में वित वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च तक जारी किया जाना चाहिए। संघ के सचिव माणिक लाल, मुख्य अध्यापक सत्यप्रकाश, मुख्य अध्यापक मीर सिंह, मुख्याध्यापक देवेंद्र सिंह, मुख्य अध्यापक राम कृष्ण, मुख्य अध्यापक राम सिंह ने कहा है कि गत चार वर्ष से वित्त विभाग और शिक्षा विभाग इन छात्रों को दी जाने वाली मासिक राशि प्रदान करने की प्रक्रिया प्रति वर्ष बदल रहा हैं। पिछले वर्ष यह राशि विद्यालयों के मुखिया खजानों से निकलवाकर अपने विद्यालय के खाते में डालकर छात्रों के बैंक खातों में वितरित करते थे, जबकि इस वर्ष सितंबर-अक्टूबर से यह राशि प्रत्येक छात्र के यूनिक कोड नंबर जारी करके इंटरनेट के माध्यम से जारी करने का आदेश दिया था। इसके लिए समय पर सूचना भी नहीं दी गई थी इस प्रक्रिया के लिए विद्यालयों में छात्रों के सहकारी बैंकों से बदलकर राष्ट्रीय कृत बैंकों में खुलवाकर और यूनिक पेई कोड जारी करवाने में बहुत समय लगा है। संघ के सचिव ने बताया कि बिलों संबंधी सभी काम खजाना विभाग की वेबसाइट पर इंटरनेट के माध्यम से किया जाता है जबकि अधिकतर सरकारी विद्यालयों में ब्राडबैंड के कनेक्शन नहीं है और खजाना विभाग का सरवर भी लम्बे समय तक ठप हो जाता है या डाउन रहता है। इससे ग्रामीण विद्यालयों के साथ-साथ शहरी विद्यालयों में भी बिल बनाने का कार्य ठप हो जाता है और ऊपर से वित्त विभाग की अनावश्यक आपत्तियां लगा दी जाती है। अध्यापक संघ ने मांग की है कि अनुसूचित पिछड़ा वर्ग और गरीब वर्ग के छात्रों के साथ यह अन्याय नहीं किया जाए और वित्त विभाग इन छात्रों की राशि जारी करे। db
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