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Saturday, 15 March 2014

अचानक निर्णय बदलने से अध्यापक हुए परेशान

** तीसरी व पांचवीं कक्षा की ही परीक्षाएं क्यों ?
शिक्षा विभाग के तीसरी व पांचवीं कक्षा की परीक्षाएं लेने के अचानक निर्णय से प्राथमिक अध्यापकों में अफरा-तफरी मची हुई है। परीक्षाओं के विरोध में जिला प्राथमिक शिक्षक संघ सोनीपत की बैठक खरखौदा प्राथमिक विद्यालय में हुई। बैठक प्रधान वेद प्रकाश धनखड़ ने कहा कि पहले तो मूल्यांकन के आधार पर बच्चों को ग्रेड देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब मौखिक तौर से निर्देश दिए जा रहे हैं। केवल तीसरी एवं पांचवीं कक्षा के बच्चों की परीक्षा लेनी है। 
ऐसे में न तो बच्चों की इस योजना के मुताबिक तैयारी कराई गई है। अध्यापकों ने मांग की है कि अगर परीक्षाएं लेने का नियम बनाया जाना है तो अगले सत्र से यह योजना चालू की जानी चाहिए। अचानक परीक्षाएं लेने से बच्चों का रिजल्ट खराब आ सकता है जिससे दाखिले प्रभावित हो सकते हैं। बैठक में पदाधिकारियों ने मांग की है कि जल्द ही इस दिशा में कार्रवाई नहीं की गई, तो जिला प्राथमिक संघ संघर्ष करेगा। 
पहली, दूसरी व चौथी की परीक्षा क्यों नहीं ? 
बैठक में पदाधिकारियों ने सवाल उठाया कि अगर शिक्षा बोर्ड ने परीक्षाएं लेनी ही हैं तो पहली से पांचवीं कक्षा तक लेनी चाहिए। परीक्षाओं के लिए तिथि निर्धारित होनी चाहिए नोटिफिकेशन होना चाहिए। परीक्षाएं केवल तीसरी व पांचवीं कक्षा की ही क्यों ली जा रही है? बाकी कक्षाएं क्यों छोड़ी जा रही हैं?                                                                                                                                 dbgohana

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