प्रदेश सरकार शिक्षा के सुधारीकरण के नाम पर अध्यापकों को आपस में लड़वा कर माहौल खराब कर रही है। जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं दिया जाएगा। उक्त आरोप हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए लगाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधारीकरण की आड़ लेकर अध्यापकों में आपसी खींचतान पैदा करना सरकार की आदत बन गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में एक आदेश निकाला है, जिसके तहत तीसरी व पांचवीं कक्षा के बच्चों की लर्निंग असेसमेंट करने के लिए 25 से 28 मार्च तक प्राध्यापकों, मास्टर व सी एंड वी अध्यापकों की ड्यूटी लगाई है, जिससे प्राथमिक शिक्षकों में जहां इस बात का रोष है कि बिना कोई पूर्व सूचना व प्रोग्राम दिए इस प्रकार का कार्यक्रम रखना सरासर गलत है। वहीं दूसरी और प्राध्यापकों, अध्यापकों व सी एंड वी अध्यापकों को इस बात का रोष है कि उनकी ड्यूटियां 30 से लेकर 40 किमी दूर तक लगा दी गई है, जिसमें महिला अध्यापिकाएं भी शामिल है। इस अवसर पर उनके साथ अध्यापक संघ के जिला अध्यक्ष संदीप शर्मा, वरिष्ठ उपप्रधान गुलजारी लाल, जिला महासचिव गुरनाम सिंह, चेयरमैन ईश्वर ढांडा, उप महासचिव डॉ. रामनिवास, उपकोषाध्यक्ष सतीश यादव, सतनारायण वशिष्ठ, दर्शन लाल बाजीगर, भगवान दास, बलविंद्र, दिलराज व महावीर आदि मौजूद थे।
टीचर्स में बढ़ेंगी रंजिशें
उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ अध्यापकों में एक दूसरे को असेस करने का तरीका जो शिक्षा विभाग ने शुरू किया है वह आपसी रंजिशें भी बढ़ाएगा। दूसरी तरफ प्राथमिक शिक्षकों का यह भी कहना है कि यह कार्यक्रम केवल दो कक्षाओं का ही क्यों है, यदि करना ही है तो पूरी तैयारी से पहली कक्षा से लेकर बाहरवीं कक्षा तक का होना चाहिए और उसके लिए उचित अधिकारियों की ही ड्यूटी लगनी चाहिए। dbguhla
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