सरकार प्राथमिक शिक्षा की दिशा व दशा दुरूस्त करने के लिए अब विभाग ने गंभीरता से कई नए कदम उठाने के साथ साथ इसमें आम लोगों की भागीदारी, शिक्षकों में उत्तरदायित्व की भावना उत्पन्न करने के लिए नव शैक्षणिक सत्र से विभिन्न योजनाओं को अमली जामा पहनाने का निश्चय किया है। पिछले काफी दिनों से सरकारी स्कूलों की छवि धूमिल हो रही है।
इस नए प्रयोग में सरकारी प्राथमिक पाठशालाओं द्वारा स्कूल स्तर पर इस बार 23 मार्च को मनाया जाने वाला प्रवेश उत्सव पहले के आयोजनों की अपेक्षा कुछ अलग ही रंग में नजर आएगा। इसके लिए बालकों के सभी अभिभावकों को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें स्कूल के गठित की गई स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्य, सभी शिक्षक व संबधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें बीते वर्ष का आय व्यय, सोशल ऑडिट, भविष्य की परियोजनाओं व सभी के सुझावों का बाकायदा रिकार्ड किया जाएगा। पांचवीं कक्षा को उर्तीण करने वाले बालकों को शिक्षक स्वयं साथ लेकर छठी कक्षा में दाखिल करवाने जाएंगे व बच्चों का स्कूल, शिक्षकों व अन्य छात्रों से परिचय करवाएंगे।
स्पेशल लर्निग लेवल टेस्ट होगा
इस बार उपमंडल के सभी प्राइमरी स्कूलों में तीसरी व पांचवीं कक्षा के बच्चों के लर्निग लेवल जैसे कि उनका सीखने का स्तर की जांच कर उसे रिकार्ड किया जाएगा। इसके लिए स्कूल से बाहर से प्राध्यापक व मास्टर वर्ग के शिक्षक सर्वेयर के रूप में इस माह 25 से 28 तक इन कक्षाओं का सर्वे होगा। सर्वेयर शिक्षकों को बाकायदा ब्लाक लेवल पर दो दिन का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें बालकों के आई क्यू, अंग्रेजी, हिंदी, गणित ज्ञान का मूल्यांकन किया जाएगा। इसी प्रक्रिया में बालकों के अलग-अलग तीन टेस्ट होगे। शिक्षकों व स्कूल मुखियाओं को एक प्रश्नावली दी जाएगी जिसे संस्था में प्राप्त सुविधाओं पढ़ाई के तौर तरीके, सह पाठय गतिविधियों इत्यादि की जानकारी दी जाएगी। इसके आधार पर जल्द ही नई शैक्षणिक योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। निश्चित रूप से यह तरीका मददगार साबित होगा। djchrkhddr
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