** लगातार मिल रही शिकायतों के चलते विभाग ने उठाया कदम
प्रदेश में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) भर्ती प्रक्रिया अटक गई है। शिक्षा विभाग में गलत भर्ती की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने सभी चयनित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों को दोबारा जांच करवाने का फैसला किया है। बता दें कि यह दूसरा मौका है जब शिक्षकों के प्रमाण पत्र को वेरिफाई करवाया जाएगा। पहले शैक्षणिक योग्यता की जांच हुई तो अब चयनित शिक्षकों को दोबारा से अनुभव प्रमाण पत्र वेरिफाई कराने को कहा गया है।
पीजीटी की भर्ती प्रक्रिया तीन महीने से चल रही है। इसे जल्द पूरा करने के लिए विभागीय निर्देश भी आ चुके हैं, लेकिन भर्ती को लेकर हो रही शिकायतों को देखते हुए और जेबीटी भर्ती मामले से सबक लेते हुए विभाग कोई जोखिम भी नहीं उठाना चाहता। यही कारण है कि कागजों की बार बार जांच की जा रही है। हालांकि विभागीय अधिकारियों को विश्वास है कि सभी कागजी कार्रवाई इसी माह पूरी हो जाएगी और आगामी शैक्षणिक सत्र से बढ़ी हुई संख्या के साथ शिक्षक अपनी सेवाओं में जुटेंगे।
विश्वविद्यालयों की मान्यता पर सवाल
जांच प्रक्रिया में विश्वविद्यालय की मान्यता को लेकर सबसे अधिक सवाल खड़े हैं। इस बारे में कई शिकायतें पहुंची हैं। हाल में शिक्षा निदेशालय में पहुंची शिकायतों में कहा गया है कि कुछ शिक्षकों ने गैर मान्यता प्राप्त विवि के प्रमाण पत्र के आधार पर मेरिट हासिल की है। चूंकि समय आरटीआई का है तो विभाग खुद को कागजी तौर पर मजबूत रखना चाहता है। जिससे अगर कभी कोर्ट में मामला पहुंचे तो विभाग के पास सभी तथ्य रहें। इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षा निदेशालय ने डीईओ कार्यालय में शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की दोबारा जांच के लिए नोटिस जारी किया है। अब जिला स्तर पर शिक्षा अधिकारी इनकी रिपोर्ट बनाकर विभाग को देंगे।
इन विषयों पर नोटिस
री-वेरीफिकेशन के इस नोटिस में साइकॉलोजी, हिस्ट्री, कॉमर्स, पंजाबी, फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ आदि सब्जेक्ट के पीजीटी की री-वेरीफिकेशन को कहा है। इन पीजीटी के पहले अनुभव प्रमाण पत्र वेरिफाई किए जा रहे हैं। dbsnpt
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