नारनौल : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ कक्षा तीसरी व पांचवीं के विद्यार्थियों की प्रतिभा मूल्यांकन परीक्षा प्रायोजित नहीं करेगा। यदि सरकार ने इसके लिए अध्यापकों को बाध्य किया तो संघ आंदोलन करने के लिए भी मजबूर हो जाएगा। बुधवार इस संबंध में संघ की तरफ से जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभाग के निदेशक के नाम ज्ञापन भेजा।
आदेशों का किया जाएगा विरोध :
संघ की तरफ से मौलिक शिक्षा विभाग के निदेशक को भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार की तरफ से कक्षा तीसरे व पांचवी के विद्यार्थियों की जो प्रतिभा आकलन हेतु परीक्षा प्रायोजित है, उसका पूरजोर विरोध किया जाएगा। इसके साथ ही यदि विभाग ने इन आदेशों को वापस नहीं किया तो इसका विरोध किया जाएगा। यदि इसके लिए कोई आंदोलन भी करना पड़ेगा तो आंदोलन भी किया जाएगा।
ज्ञापन में रखी मुख्य मांगें :
इसके साथ ही संघ की तरफ से भेजे गए ज्ञापन में संघ की लंबित मांग 2000 में लगे प्राथमिक शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी सेवा को यथावत रखने, प्राथमिक शिक्षकों को एसीपी पदोन्नती व अन्य लाभ तुरंत देने, नर्सरी कक्षा की संख्या को विधालय की संख्या में जोडने, अध्यापक-छात्र अनुपात 1:30 करने, 120 से 200 तक की छात्र संख्या पर केवल एक ही पद स्वीकृती को हटाने, प्राथमिक विद्यालयों में मुख्य शिक्षक का पद स्वीकृत करने, जेबीटी अध्यापक को मुख्य शिक्षक, मिडिल हेड या केंद्र अध्यक्ष, खंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के पदों पर पदोन्नती पंजाब व हिमाचल प्रदेश की तरह दी जाए, प्राथमिक शिक्षकों के अंतर जिला स्मानांतरण अविलंब करने, छठे वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार प्राथमिक शिक्षक का वेतनमान 16290 रुपए करने, हरियाणा के 55 प्रतिशत प्राथमिक शिक्षक उच्च योग्यता रखते हैं। अत: इन्हें भी सीएंडवी की तरफ लेक्चरर के पद पर पदोन्नती में कम से कम 25 प्रतिशत का कोटा देने की मांग शामिल की गई है। db
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