नारायणगढ़ : प्राथमिक स्कूलों में प्रदेश सरकार के तीसरी व पांचवी कक्षा के मूल्यांकन के आदेशों को निराधार व नियोजनहीन करार देते हुए विभिन्न अध्यापक संघों ने गुरुवार को लघु सचिवालय पर विरोध-प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा के नाम एक ज्ञापन एसडीएम नारायणगढ़ को सौंपा। अध्यापक संघों का कहना था कि तथाकथित एनजीओ के माध्यम से प्रस्तावित मूल्यांकन में करोड़ों रुपए का गोलमाल है।
ज्ञापन के माध्यम से अध्यापक संघों ने कहा कि शिक्षक हमेशा से विद्यार्थियों की परीक्षा लेने का पक्षधर रहा है। लेकिन इसके लिए विभाग द्वारा सत्र के शुरू में ही परीक्षा मूल्यांकन के सही व स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाने चाहिए। मौजूदा शिक्षा सत्र समाप्त होने को है, ऐसे में मूल्यांकन का तुगलकी फरमान न्याय संगत नहीं है। शिक्षक नेताओं सुखदेव राज, कमलदीप, बृजमोहन, राजेश बख्शी, सतनाम सिंह, आनन्द कंवर, मनोज कुमार, जगमोहन, अजय, श्रुति कान्त, रविन्द्र कुमार आदि का कहना था कि मूल्यांकन के लिए जब शिक्षा विभाग व भिवानी बोर्ड मौजूद है तो बाहरी एंजेसी द्वारा यह कार्य करवाया जाना सम्पूर्ण शिक्षक जगत व विभाग के लिए शर्म की बात है। इस कार्य के लिए करोड़ों रुपए बाहरी एंजेसी को देना अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है। अध्यापक नेताओं का कहना था कि अध्यापक संघ परीक्षा का कभी विरोध नहीं करता। लेकिन इस कार्य के लिए बाहरी एंजेसी का दखल अध्यापक संघ किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं करेगा। प्रदर्शन के दौरान अध्यापकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। db
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