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Saturday, 22 March 2014

सत्र बीतने पर याद आए स्टेशनरी व बैग


जींद : पूरा साल बिना स्कूल बैग और स्टेशनरी बच्चों की पढ़ाई हुई। इसके लिए राशि तक उपलब्ध नहीं हुई। अब जब परीक्षाएं हो चुकी हैं तो स्टेशनरी की राशि आई है। हालात यह हैं कि अब राशि निकाल पाना मुश्किल हो रहा है। ट्रेजरी विभाग का कहना है कि कुल राशि का 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत हिस्सा दिसंबर से पहले निकाला जाना चाहिए था। विभाग को 10 दिन के अंदर यह राशि निकालनी है और खर्च भी करनी है। ऐसे में राशि के लैप्स होने की संभावना है।
जिले में आए 2.79 करोड़ 
पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार है। बच्चों की किताबों, स्कूल बैग, स्टेशनरी और फीस तक का खर्च सरकार उठाती है। लेकिन यह सब कागजी रिकॉर्ड की बात है। सच्चाई इससे कोसो दूर है। पूरा शिक्षा सत्र बीत गया है। अब जाकर बच्चों की स्टेशनरी, बैग और फीस की राशि जिला स्तर पर पहुंची है। बच्चों को इसका लाभ अभी तक नहीं मिला है। जिले में 2,79,95,378 रुपए की राशि आई है। अब इसे निकाल पाना मुश्किल हो रहा है। खजाना विभाग ने राशि जारी करने में रोड़ा अटका दिया है। विभाग का कहना है कि दिसंबर माह से पहले 25 प्रतिशत राशि निकाल ली जानी चाहिए थी, जबकि राशि दिसंबर के बाद ही जारी हुई है। 
...चलो किताबेंं तो पहुंचीं 
 स्कूलों में मौजूदा शिक्षा सत्र भी एक तरह से बिना किताबों के ही गुजरा। पिछले वर्ष सरकारी स्कूलों में किताबें न पहुंचने से शिक्षा विभाग की किरकिरी हुई थी। इस बार सत्र शुरू होने से पहले ही किताबे पहुंच गई हैं। अभी छात्रों की संख्या का पता नहीं है। ऐसे में किताबें किसी स्कूल में ज्यादा तो किसी में कम पहुंची हैं। 
एसएमसी को जानी है राशि
मौलिक शिक्षा महानिदेशक ने दिसंबर माह में पहली से आठवीं कक्षा तक सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले नॉन एससी विद्यार्थियों के लिए जारी होने वाली स्टेशनरी, स्कूल बैग आदि की राशि को लेकर निर्देश जारी किए थे। इनमें कहा गया था कि जिला स्तर पर राशि पहुंचने के बाद इसे स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाए। एसएमसी बच्चों की स्टेशनरी आदि उपलब्ध कराएगी। पत्र तो जारी हो गया, लेकिन आज तक राशि जारी नहीं हो पाई। ऐसा एकमात्र जिला जींद ही नहीं अन्य जिलों में भी यही हाल है। जिला शिक्षा अधिकारियों ने इसकी रिपोर्ट निदेशालय भेज दी है और समस्या का हल मांगा है। 
शिक्षा विभाग ने साल के अंत में जारी की बच्चों की स्टेशनरी राशि, लैप्स होने की आशंका 
भेजी है सूचना 
"सभी जगह यह समस्या है। राशि देरी से आने से ऐसा हुआ है। अब राशि ही देरी से आई है तो निकलेगी कैसे। इसकी सूचना निदेशालय को भेज दी है।"--संतोष ग्रोवर, डीईईओ, जींद 
नहीं पहुंची है राशि 
"स्टेशनरी, स्कूल बैग के लिए राशि अभी जारी नहीं हुई है। राशि ही लेट जारी हुई है। अभी परीक्षाएं भी हो चुकी हैं। देखते हैं क्या होता है।"--प्रसन्न देव, हेडमास्टर, धनखड़ी गर्व. स्कूल 

अव्यवस्था से ऐसा हुआ 
"अव्यवस्था के कारण ऐसा हुआ है। कभी किताबें समय पर नहीं पहुंचतीं। शिक्षक क्या करें। शिक्षा विभाग को व्यवस्था देखनी चाहिए।"--सतपाल, प्रदेश संयोजक, मास्टर वर्ग एसो.                                                                       db

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