यमुनानगर : नगर निगम का गठन होने पर गांव बुडिय़ा वर्ष 2010 में निगम क्षेत्र में आ गया था, लेकिन शिक्षा विभाग के रिकार्ड में बुडिय़ा अभी भी रूरल क्षेत्र में ही दिखाया जा रहा है। विभाग की इस गलती के कारण पांच पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) अपनी ज्वाइनिंग से वंचित रह गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में देर शाम तक ज्वाइनिंग को लेकर घटनाक्रम चलता रहा। इसको लेकर अधिकारियों व पीजीटी में बहस भी हुई। शहर की शास्त्री कॉलोनी निवासी रेखा गुप्ता, जींद के सेक्टर-17 निवासी सविता, पानीपत के चुलकाना निवासी देवेंद्र कुमार, यमुनानगर की मंजू व आरती गर्ग ने बताया कि वे पीजीटी टीचर हैं। शिक्षा विभाग ने पहले ऑनलाइन काउंसलिंग की थी जिसमें प्रत्येक कैंडीडेट को च्वाइस में 25 सेंटर दिए गए थे। करीब 350 कैंडीडेट को ज्वानिंग कराने के बाद ऑनलाइन काउंसलिंग को बंद कर दिया गया। शेष को मैन्युअल काउंसलिंग के लिए चंडीगढ़ बुलाया गया। इसमें प्रत्येक को च्वाइस के पांच सेंटर दिए गए। उनका सब्जेक्ट अंग्रेजी है। शिक्षा विभाग ने रूरल एरिया में बुडिय़ा के स्कूल को भी दिखाया गया था। इसलिए उन्होंने च्वाइस में बुडिय़ा सेंटर भी भर दिया था। पांच मार्च को विभाग ने उनके ज्वाइनिंग के आर्डर पांच मार्च को वेबसाइट पर डाल दिए थे। अब वे ज्वाइनिंग के लिए जिला शिक्षा अधिकारी यमुनानगर कार्यालय में पहुंचे। शाम को जब उनका नंबर आया तो उन्हें बताया गया कि बुडिय़ा तो वर्ष 2010 से शहरी क्षेत्र में है। इसलिए उन्हें शहरी क्षेत्र के सेंटर में ज्वाइनिंग नहीं कराया जा सकता। यह सुनते ही ज्वाइनिंग के लिए आए पीजीटी के चेहरों की हवाइयां उड़ गई। db
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