कुरुक्षेत्र : राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान विनोद चौहान ने तीसरी व पांचवी कक्षा की परीक्षा एजेंसी से कराने को पूरी तरह से गलत बताया।
उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले विद्यार्थियों को पता चल रहा है कि उनकी परीक्षा भी होनी है, जिस कारण वे मानसिक रूप से परीक्षा के लिए तैयार ही नहीं हैं। संघ शुरू से परीक्षा लेने का समर्थन कर रहा है। इसके बावजूद विभाग परीक्षा लेने का आदेश केवल 15 दिन पहले ही दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस आदेश से शिक्षकों की निष्ठा पर सवाल उठाए गए हैं। प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों की परीक्षा प्राथमिक शिक्षकों के माध्यम से ही ली जानी चाहिए। अगर शिक्षा विभाग ने अपने आदेशों को वापस नहीं लिया तो शिक्षकों को संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की होगी।
अध्यापक संघ 70 ने भी किया विरोध
हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ 70 के प्रांतीय प्रेस सचिव डॉ. रजनीश कौशिक व जिला प्रधान सतप्रकाश सैनी ने शिक्षा विभाग के दोनों निदेशकों के आदेशों की निंदा की। सैनी ने कहा कि मास्टर, सी एंड वी अध्यापक और प्राध्यापक की बोर्ड से ड्यूटी न आने के बाद केंद्र अधीक्षकों ने जरूरत के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के लिए शिक्षकों को नियुक्त किया था। निदेशक ने उन सभी को कार्यभार से मुक्त करने का आदेश दिया है। डॉ. कौशिक ने कहा कि तीसरी व पांचवी कक्षा के एग्जाम प्राथमिक शिक्षकों के निरीक्षण में ही होने चाहिए। जिन विद्यार्थियों की हाजिरी 75 प्रतिशत से कम है, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाना चाहिए। db
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