एक साथ दो डिग्री की, फर्जी तरीके से रिहायशी प्रमाण पत्र भी बनवाया और हासिल कर ली जेबीटी टीचर की नौकरी। फर्जीवाड़ा करने वाली जेबीटी टीचर की जब चोरी पकड़ में आई तो शिक्षा विभाग ने जांच के बाद अब उसे सस्पेंड कर दिया है। विभाग ने मामले में आगामी कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
एक साथ की बीए व जेबीटी
प्राथमिक पाठशाला बिसोहा में कार्यरत जेबीटी टीचर ममता यादव वर्ष 2008 में जेबीटी टीचर लगी थी। ममता इससे पूर्व शिक्षा विभाग में ही अतिथि अध्यापक के तौर पर कार्यरत थी। ममता के रिकार्ड को खंगाला गया तो मालूम चला कि नौकरी हासिल करने के लिए उसने कई तरह के फर्जीवाड़े किए। ममता ने वर्ष 1999-2000 में राजकीय महाविद्यालय नाहड़ से बीए द्वितीय वर्ष की तथा इसके अगले साल बीए तृतीय वर्ष की नियमित पढ़ाई करके परीक्षा दी। एक ओर ममता बीए कर रही थी, वहीं दूसरी ओर इसी सत्र में यानि वर्ष 1999-2000 व 2000-2001 के दौरान उसने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान महेंद्रगढ़ से जेबीटी की पढ़ाई पूरी की। राज्य चौकसी ब्यूरो की जांच में भी यह फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है। इसके अतिरिक्त नाहड़ निवासी ममता का विवाह दिसंबर 2012 में अलवर जिला के गांव हाजीपुर में हो गया था। वहां से उसने अपना रिहायशी प्रमाणपत्र भी बनावाया था। इसके बावजूद वर्ष 2006 में अतिथि अध्यापक के तौर पर नौकरी पाने के लिए उसने फर्जी तरीके व गलत तथ्यों के आधार पर गांव नेहरूगढ़ के नाम से अपना राशनकार्ड, रिहायशी प्रमाणपत्र व पिछड़ी जाति प्रमाणपत्र तैयार करा लिए। इन कागजातों के आधार पर उसने नौकरी भी हासिल कर ली थी। जेबीटी की नौकरी के लिए कराए गए अपने मेडिकल में भी ममता ने नेहरूगढ़ का ही पता दिया था, जबकि उनका नेहरूगढ़ से कोई ताल्लुकात ही नहीं रहा। अतिथि अध्यापक लगते समय भी ममता ने एमए अंग्रेजी की अपनी सर्टिफिकेट में धोखाधड़ी की। ममता की इन तमाम धांधलियों के बारे में नाहड़ के ही रहने वाले सुमेर सिंह ने साक्ष्य एकत्रित किए तथा शिक्षा विभाग को शिकायत दी थी। विभागीय जांच में ममता की तमाम धांधलियों को सही पाया गया। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने आदेश पारित करके जेबीटी शिक्षक ममता यादव को सस्पेंड कर दिया है।
सामने बुलाकर की जाएगी पूछताछ : डीईईओ
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामकुमार फलसवाल का कहना है कि टीचर के कागजातों की जांच में वह दोषी पाई गई है, जिसके चलते उसे सस्पेंड कर दिया गया है। शीघ्र ही टीचर ममता यादव को सामने बुलाकर पूछताछ की जाएगी और उसके बाद आगे के निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने साफ कर दिया कि मामले में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
कॉलेज का फर्जीवाड़ा भी आएगा सामने
जांच अगर गहनता से की गई तो इस पूरे मामले में कहीं न कहीं कॉलेजों की मिलीभगत भी सामने आएगी। ममता ने एक ही समय में राजकीय महाविद्यालय नाहड़ और जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान महेंद्रगढ़ से नियमित तौर पर बीए व जेबीटी की। स्पष्ट है कि दोनों कॉलेजों में से एक जगह ममता की फर्जी हाजिरी लगाई जा रही थी। जांच में ही यह खुलासा होगा कि आखिरकार मिलीभगत नाहड़ कॉलेज में थी या महेंद्रगढ़ के प्रशिक्षण संस्थान में। dbrwd
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